नरोत्तम मिश्रा की याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित

उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में निर्वाचन आयोग द्वारा अयोग्य घोषित किये गये मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री नरोत्तम मिश्रा की याचिका आज दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दी।
उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में निर्वाचन आयोग द्वारा अयोग्य घोषित किये गये मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री नरोत्तम मिश्रा की याचिका आज दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दी। मिश्रा राष्ट्रपति चुनाव में वोट देने की अनुमति चाहते हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय मिश्रा द्वारा राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने के लिए दायर की गई अर्जी पर गुरुवार को सुनवाई करेगा।
भाजपा के इस नेता ने 17 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति के चुनाव में वोट देने की अनुमति के लिये दायर याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने से मप्र उच्च न्यायालय द्वारा इंकार करने के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड की पीठ ने मिश्रा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और कांग्रेस के नेता राजेन्द्र भारती की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से कहा कि वे दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाही मुख्य न्यायाधीश के समक्ष आज ही पेश होकर इसके लिये पीठ गठित करने का अनुरोध करें। भारती इस याचिका का विरोध कर रहे हैं।
शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय को इस मामले की कल से ही सुनवाई करनी चाहिए और राष्ट्रपति चुनाव के लिये मतदान होने से पहले इसे पूरा कर लेना चाहिए। इससे पहले, दिन में शीर्ष अदालत मिश्रा के वकील द्वारा इस मामले का उल्लेख करने पर इसकी सुनवाई के लिये सहमत हो गया था। निर्वाचन आयोग ने मिश्रा को 2008 के विधान सभा चुनावों में मीडिया में लेखों और एडवरटोरियल से संबंधित चुनावी खर्च के बारे में गलत जानकारी देने का दोषी ठहराते हुये उन्हें 23 जून को तीन साल के लिये अयोग्य घोषित कर दिया था। मिश्रा के खिलाफ राजेन्द्र भारती की शिकायत पर उन्हें तीन साल के लिये चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित करते हुये आयोग ने पेड न्यूज के बारे में कुछ कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया था। भारती ने आठ साल पहले 2009 में आयोग के पास मिश्रा के बारे में पहली शिकायत भेजी थी।
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