एनसीपीसीआर ने रायसेन में ईसाई मिशनरी संचालित छात्रावास में कथित धर्म परिवर्तन रैकेट का किया खुलासा

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Suyash Bhatt । Nov 11 2021 5:15PM

कानूनगो ने कहा कि मैंने जिला प्रशासन से इन लड़कियों को उनके घर ले जाने के लिए कहा है। यह अनैतिक है और बच्चों के अधिकारों के खिलाफ है। मामले में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

भोपाल। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने एक कथित धर्म परिवर्तन रैकेट का पर्दाफाश करने का दावा किया है। जिसमें मध्य प्रदेश में एक ईसाई मिशनरी गर्ल्स हॉस्टल में हिंदू लड़कियों को परिवर्तित किया जा रहा था।

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एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को मध्य प्रदेश में रायसेन जिले के अंतर्गत एक गांव में स्थित छात्रावास का औचक निरीक्षण किया था।

जांच के दौरान एनसीपीसीआर ने दावा किया कि उसने पाया कि अनुसूचित जनजाति की 15-20 हिंदू लड़कियां छात्रावास में रह रही थीं। ये लड़कियां अनुसूचित जनजाति समुदाय की हैं जिन्हें शिक्षा देने के नाम पर ईसाई मिशनरी छात्रावास में लाया गया है।

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जानकारी के मुताबिक इन लड़कियों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए लाया गया था। लेकिन तथ्य यह है कि इसके परिसर में कोई स्कूल भवन नहीं है। यह भी पता चला है कि इन लड़कियों को कुछ विशेष उद्देश्यों के लिए लाया गया था और उन्हें यहां प्रशिक्षित किया जा रहा है।

जांच के दौरान यह भी पता चला कि कई लड़कियों को पूर्वोत्तर से लाया गया है। हालांकि जब हिंदू लड़कियों को छात्रावास में रखने के उद्देश्य के बारे में पूछा गया और उन्हें पूर्वोत्तर से कैसे लाया गया तो मिशनरी छात्रावास के प्रमुख ने उचित जवाब नहीं दिया।

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एनसीपीसीआर की टीम को लड़कियों के कमरे से बाइबिल, किताबें और ईसाई मिशनरी से संबंधित अन्य सामग्री भी मिली, और स्कूली शिक्षा से संबंधित कुछ भी नहीं था। इसके बाद एनसीपीसीआर ने इस पर रायसेन जिला प्रशासन और मध्य प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर मामले में कार्रवाई की सिफारिश की थी।

कानूनगो ने कहा कि मैंने जिला प्रशासन से इन लड़कियों को उनके घर ले जाने के लिए कहा है। यह अनैतिक है और बच्चों के अधिकारों के खिलाफ है। मामले में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

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