शादी के 11 दिन बाद हिंसा ने लील ली अशफाक की जान, सपने पूरे करने आया था दिल्ली

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दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में हुई हिंसा में कई घरों के चिराग बुझ गए, घर सूने हो गए, मोहल्लों की रौनक छिन गई। इसी हिंसा ने अशफाक को भी लील लिया। जिसकी शादी हाल ही में 14 फरवरी को हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि अशफाक की मौत गोली लगने से हुई है।

नयी दिल्ली। दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में हुई हिंसा में कई घरों के चिराग बुझ गए, घर सूने हो गए, मोहल्लों की रौनक छिन गई। इसी हिंसा ने इंदिरा विहार में रह रहे अशफाक को भी लील लिया। जिसकी शादी हाल ही में 14 फरवरी को हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि अशफाक की मौत गोली लगने से हुई है। अशफाक की पत्नी और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

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रोते-बिलखते हुए अशफाक के पिता न्याय चाहते हैं और चाहते हैं कि हिंसा में मारे गए तमाम लोगों को शहीद का दर्जा मिले। साथ ही अशफाक के पिता को हिन्दुस्तानी होने का गर्व है और वह कहते है कि कुछ लोगों ने महौल खराब किया। हालांकि उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि उनके बेटे अशफाक की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई है। मामले में कितनी सच्चाई है यह कह पाना तो अभी मुश्किल है क्योंकि एसआईटी हिंसा से जुड़े तमाम मामलों की छानबीन कर रही है।

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मिली जानकारी के मुताबिक अशफाक बुलंदशहर के सासनी गांव से अपने सपने पूरे करने के लिए दिल्ली आया था। लेकिन 25 फरवरी को बिजली का काम करने गया अशफाक दंगाइयों की पांच गोलियां खाकर जमीदोंज हो गया था। सबसे दुखद: बात तो यह थी कि शवगृह में अशफाक का शव ले जाने के लिए आए उसके चाचा ने बताया  कि वह पढ़ना चाहता था और वह अपने सपने पूरे करने के लिए दिल्ली आया था मगर दिल्ली ने तो उसकी जान ले ली। गौरतलब है कि दिल्ली हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 42 हो गई है। जबकि 200 से अधिक लोग जख्मी बताए जा रहे हैं।

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