NIA ने HC में वरवर राव की जमानत अर्जी का किया विरोध

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एनआईए ने बंबई उच्च न्यायालय में वरवर राव की जमानत अर्जी का विरोध किया। एनआईए की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को याद दिलाया कि राव को उच्च न्यायालय ने पिछले मौकों पर भी गुण-दोष के आधार पर जमानत से वंचित रखा।

मुम्बई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय में कवि-कार्यकर्ता वरवर राव की जमानत अर्जी का यह कहते हुए विरोध किया कि एल्गार परिषद मामले के आरोपी को यथासंभव चिकित्सा सहायता दी जा रही है और जब भी जरूरत होगी जेल अधिकारी उनका उपचार कराते रहेंगे। कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद 16 जुलाई से नानावती अस्पताल में राव (81) का उपचार चल रहा है। वह एल्गार परिषद-कोरेगांव भीमा मामले में आरोपी हैं। अदालत ने हालांकि राज्य के जेल प्रशासन को राव के परिवार के सदस्यों को वीडियो कॉल के मार्फत संपर्क करने की अनुमति देने का निर्देश दिया। राव का सिर की चोट समेत कई अन्य बीमारियों का भी उपचार चल रहा है। 

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नानावती अस्पताल में ले जाने से पहले सरकारी जे जे अस्पताल में उनके सिर में चोट लग गयी थी। न्यायमूर्ति अमजद सैयद की अगुवाई वाली पीठ राव की अर्जी पर सुनवाई कर रही है। उन्होंने स्वास्थ्य आधार पर जमानत की गुहार लगायी थी। इस अर्जी के बाद वह कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे। एनआईए की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को याद दिलाया कि राव को उच्च न्यायालय ने पिछले मौकों पर भी गुण-दोष के आधार पर जमानत से वंचित रखा। उन्होंने कहा, ‘‘ यह एक ऐसा मामला है जिसमें याचिकाकर्ता राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। ’’ अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि परिवार के अनुरोध पर ही राव को जे जे अस्पताल से श्रेष्ठ सुपर स्पेशलिटी नानावती अस्पताल ले जाया गया और जेल प्रशासन उनका बहुत ख्याल रख रहा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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