नीतीश सरकार ने भागलपुर में नहर का बांध टूटने की जांच के आदेश दिए

nitish government orders probe of canal dam breaks in bhagalpur
[email protected] । Sep 20 2017 4:29PM

बिहार की नीतीश कुमार सरकर ने भागलपुर जिला में ट्रायल रन के दौरान पानी के अधिक दबाव के कारण गंगा नदी पंप नहर योजना के बांध की दीवार के अचानक टूट जाने की घटना के जांच के आदेश दिये हैं।

भागलपुर/पटना। बिहार की नीतीश कुमार सरकर ने भागलपुर जिला में ट्रायल रन के दौरान पानी के अधिक दबाव के कारण गंगा नदी पंप नहर योजना के बांध की दीवार के अचानक टूट जाने की घटना के जांच के आदेश दिये हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज उस बांध का उदघाटन करने वाले थे, लेकिन उक्त घटना के कारण यह कार्यक्रम रद्द करना पड़ा।

जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने बताया कि विभागीय प्रधानसचिव को मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। इस बांध का निर्माण बिहार और झारखंड में विस्तृत कृषि भूमि की सिंचाई को संभव बनाने के लिए भागलपुर जिला के बटेश्वरस्थान में गंगा नदी पर 389.31 करोड़ रुपये की लागत से किया गया था। लेकिन कल हुए हादसे के कारण यह महात्वाकांक्षी परियोजना परवान नहीं चढ़ सकी। ललन ने बताया कि बांध के टूटान वाले हिस्से की कल ही बिना देरी किए मरम्मती कर दी गयी थी। बांध के टूटने पर पानी के बहाव से कहलगांव, एनटीपीसी टाउनशिप के साथ आबादी वाले इलाके और कहलगांव के सिविल जज और सब जज के आवास में पानी प्रवेश कर गया था।

मंत्री ने बताया कि उक्त नहर का निर्माण 1985-88 के बीच किया गया था और हमने गंगा नदी की पानी से सिंचाई के लिए पिछले साल एक पंप स्टेशन का निर्माण कराया था पर अधिकारियों को उसके उदघाटन के पूर्व नहर की जांच करनी चाहिए थी। उन्होंने इस हादसे के सभी पहलुओं की जांच की बात करते हुए बताया कि यह बात प्रकाश में आयी है कि एनटीपीस द्वारा पूर्व में उक्त नहर के नीचे से एक भूमिगत रास्ता बनाया गया जिससे संभवत: नहर की दीवार कमजोर हुई होगी।

भागलपुर में मौजूद जल संसाधन विभाग के प्रधानसचिव अरुण कुमार सिंह ने आज संवाददाता सम्मेलन के दौरान ​'विभागीय चूक' की बात स्वीकारते हुए बताया कि उदघाटन के पूर्व नहर की जांच नहीं की गयी जिसके लिए वह स्वयं विभाग की ओर से खेद व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि मामले की जांच में जो भी विभागीय कर्मी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। सिंह ने कहा कि एनटीपीस द्वारा नहर के नीचे से रास्ता बनाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया गया था या नहीं, इसकी भी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी कमियों को दूर कर इस नहर पंप का उदघाटन अब दो महीने के बाद किया जाएगा।

जल संसाधन विभाग के प्रधानसचिव से भेंट करने आए कहलगांव स्थित एनटीपीस के कार्यकारी निदेशक राकेश सैम्युएल ने कहा कि उक्त रास्ते का निर्माण बहुत पहले किया गया जिसके दस्तावेजों को वह देखेंगे, ‘‘लेकिन एनटीपीसी बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र पाए कोई कार्य नहीं करता’’ इस परियोजना की बांध टूटने पर ​प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद को नीतीश सरकार के खिलाफ हथियार मिल गया और राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने नहर का निर्माण ठीक से नहीं कराए जाने का आज पटना में आरोप लगाते हुए कहा कि यह नीतीश सरकार के भ्रष्टाचार का जीता जागता सबूत है।

उन्होंने बिहार सरकार पर कटाक्ष करते हुए आरोप लगाया कि तटबंधों में चूहों द्वारा सुराख कर दिए जाने के कारण प्रदेश में इस साल अचानक बाढ आयी और अब क्या मगरमच्छ ने अपने मुंह से उक्त नहर की दीवार तोड़ दी। लालू द्वारा जल संसाधन मंत्री के इस्तीफे की मांग को तव्वजोह नहीं देते हुए ललन ने कहा कि उन्हें दूसरों को नैतिकता की पाठ पढाने के बजाए पहले अपनी नैतिकता की बात करनी चाहिए। जदयू के बागी नेता शरद यादव ने भी इस हादसे पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूछा कि क्या कभी ऐसी घटना घटी है कि किसी परियोजना का उद्घाटन एक दिन पहले उसकी बांध के टूटने जाने के कारण नहीं हो पाया।

बिहार और झारखंड की इस साझा परियोजना के जरिए भागलपुर में 18,620 हेक्टयर तथा झारखंड के गोड्डा जिला की 4,038 हेक्टयर भूमि सिंचित होगी। इस परियोजना द्वारा 27,603 हेक्टयर भूमि को सिंचित किया जा सकता है जिसमें से 22,816 हेक्टयर बिहार एवं 4,887 हेक्टयर झारखंड के भूखंड शामिल हैं।

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