नीतीश का दावा: 'महिलाओं को सशक्त किया, बिहार का सम्मान बढ़ाया, अब एक और मौका दें'

Nitish Kumar
ANI
अंकित सिंह । Nov 1 2025 12:12PM

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए के लिए "एक और मौका" माँगा है, राज्य को शीर्ष राज्यों में शामिल करने का संकल्प दोहराया। उन्होंने अपने शासन में विकास की तेज़ गति, शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढाँचे और महिलाओं के सशक्तिकरण में सुधार का दावा किया, जबकि 2005 से पहले की राजद सरकार की खराब स्थिति पर निशाना साधा।

बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के नेता नीतीश कुमार ने शनिवार को लोगों से उन्हें 'एक और मौका' देने का आग्रह किया और राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को वोट देने की अपील की। ​​बिहार में पहले चरण के मतदान से कुछ दिन पहले उनकी पार्टी द्वारा एक्स (पहले ट्विटर) पर साझा किए गए एक वीडियो संदेश में, कुमार ने ज़ोर देकर कहा कि केवल एनडीए ही राज्य का विकास कर सकता है। उन्होंने कहा कि उनके शासन में विकास की गति काफ़ी तेज़ हुई है। बिहार में दो चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 6 और 11 नवंबर को होगा। नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएँगे।

इसे भी पढ़ें: Bihar Elections 2025 | बिहार चुनाव से पहले महिलाओं को पैसे बांटे! RJD का नीतीश सरकार पर आचार संहिता उल्लंघन का गंभीर आरोप

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आपसे इस बार विधानसभा चुनाव में एनडीए उम्मीदवारों को विजयी बनाने का अनुरोध करता हूँ। हमें, एनडीए को, एक और मौका दीजिए। इसके बाद और भी काम होंगे, जिससे बिहार का इतना विकास होगा कि यह शीर्ष राज्यों में शामिल हो जाएगा। अपने संदेश में, कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर भी निशाना साधा और कहा कि 2005 में जब वह मुख्यमंत्री बने थे, तब बिहार की हालत बेहद खराब थी। उन्होंने कहा कि उस समय बिहारी कहलाना 'अपमान की बात' थी। उन्होंने राज्य के विकास के लिए "पूरी ईमानदारी और मेहनत से दिन-रात काम किया"।

जदयू नेता ने कहा कि उनकी सरकार ने युवाओं के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, बुनियादी ढाँचे और रोज़गार के अवसरों पर काफ़ी काम किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने दलितों और पिछड़ों समेत समाज के हर वर्ग के लिए काम किया है। उन्होंने आगे कहा कि अब "बिहारी होना अपमान की बात नहीं, बल्कि सम्मान की बात है"। कुमार ने कहा, "पिछली सरकार ने महिलाओं के लिए कोई काम नहीं किया। हमने अब महिलाओं को इतना मज़बूत बना दिया है कि वे अब किसी पर निर्भर नहीं हैं और अपने परिवार और बच्चों के लिए सारा काम खुद कर सकती हैं। हम आपको बताना चाहते हैं कि हमने शुरू से ही समाज के सभी वर्गों का विकास किया है।"

उन्होंने कहा कि आपको जानकर आश्चर्य होगा कि वर्ष 2005 में राज्य में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत मात्र 75 यूनिट थी तथा उपभोक्ताओं की संख्या मात्र 17 लाख 31 हजार थी। ऐसे में बिजली से सरकार को राजस्व भी बहुत कम मिल पाता था। राज्य में सौर ऊर्जा की भी व्यवस्था नहीं थी तथा राज्यवासी पूरी तरह से लालटेन युग में जीने को मजबूर थे। राज्य में बिजली की स्थिति बदतर थी, ऊपर से तत्कालीन सरकार की प्रशासनिक अक्षमता के कारण बिजली की चोरी आम बात थी।

इसे भी पढ़ें: ‘रेवड़ी संस्कृति’: लोकतंत्र का आधार या प्रलोभन की डगर?

नीतीश ने कहा कि 24 नवंबर 2005 को राज्य में जब हमलोगों की सरकार बनी तो बिजली व्यवस्था में सुधार के संकल्प के साथ अनेक कार्य किए गए। विद्युत आपूर्ति, बिजली का उत्पादन तथा पावर ट्रांसमिशन प्रणाली आदि को प्राथमिकता के आधार पर ठीक किया गया। ग्रामीण विद्युतीकरण की दिशा में कई कदम उठाये गये। हमारी सरकार बिजली-व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार प्रयासरत रही। 15 अगस्त 2012 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पटना के गांधी मैदान में मैंने कहा था कि ‘हम बिजली की स्थिति सुधारेंगे। अगर बिजली की स्थिति में हम सुधार नहीं लायेंगे तो 2015 के चुनाव में मैं वोट मांगने लोगों के बीच नहीं आऊंगा’। इसके लिए 31 अक्टूबर 2012 को तत्कालीन बिहार राज्य विद्युत बोर्ड को समाप्त कर 5 विद्युत कंपनियां बनायीं गयीं तथा बिजली के क्षेत्र में संरचनात्मक सुधार किये गये।  

All the updates here:

अन्य न्यूज़