धर्म नहीं, जीवनशैली है हिन्दू धर्म: राजीव प्रताप रूडी

कोझिकोड। केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा है कि हिन्दू धर्म को विश्वभर में जीवनशैली के रूप में स्वीकार किया गया है, न कि धर्म के रूप में। उन्होंने बीती रात यहां तट पर आयोजित हिन्दू आध्यात्मिक संगठनों की बैठक में कहा, ‘‘भारत में करोड़ों लोगों की आस्था वाला हिन्दू धर्म कोई धर्म नहीं है, बल्कि इसे विश्वभर में जीवनशैली के रूप में स्वीकार किया गया है।’’ ‘महाभारतम् धर्मरक्षण संगमम’ में अपने संबोधन में रूडी ने कहा कि हिन्दू धर्म का मतलब जाति, धर्म या स्तर की सीमाओं से परे सभी के प्रति करूणा के प्रदर्शन से है। इससे पहले संगमम का उद्घाटन करते हुए योग गुरू रामदेव ने कहा कि जाति और धर्म के नाम पर समाज का विभाजन रोका जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘लोगों और राष्ट्र की एकता समय की मांग है। जाति और धर्म के आधार पर लोगों और राष्ट्र को बांटने का उन्माद रूकना चाहिए।’’ रामदेव ने लोगों से बहुराष्ट्रीय कंपनियों के उत्पादों को नजरअंदाज करने का आग्रह किया और कहा कि देश के लोगों को भारत में निर्मित उत्पादों तथा तकनीकों से लैस होना चाहिए। उन्होंने केरल में आदि शंकराचार्य के नाम पर एक उच्च शिक्षा केंद्र शुरू करने की बात कही। केरल शंकराचार्य की जन्मस्थली है ।चिन्मय मिशन, श्री रामकृष्ण मिशन, माता अमृतानंदमयी मठ, कोलातुर अद्वैत आश्रम जैसे विभिन्न हिन्दू संगठनों द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में कोझिकोड और आसपास के जिलों से हजारों लोग शामिल हुए। राज्य से 100 से अधिक संत और आध्यात्मिक नेता भी इस सम्मेलन में शामिल हुए। शिवगिरि मठ के प्रमुख स्वामी प्रकाशानंद ने केरल की नदियों से लाए गए पवित्र जल से पूजा-अर्चना की।
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