UP में कोरोना के मामलों की संख्या बढ़कर 2,115 हुई, 477 मरीज ठीक होकर जा चुके हैं घर

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प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में इस समय 60 जिलों में संक्रमण के मामले हैं। कुल 1,602 सक्रिय मामले हैं। सात जिलों में कोई सक्रिय मामला नहीं है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 2,115 हो गई। प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने यहां संवाददाताओं से कहा कि आज इस समय तक जो जानकारी उपलब्ध है, उसके मुताबिक प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 2,115 है। कुल 477 लोग पूर्णतया ठीक होकर घर जा चुके हैं जबकि 36 लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हुई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस समय 60 जिलों में संक्रमण के मामले हैं। कुल 1,602 सक्रिय मामले हैं। सात जिलों में कोई सक्रिय मामला नहीं है। प्रसाद ने बताया कि कल जांच के लिए 4,071 नमूने लिए गए जबकि 3,799 नमूनेप्रयोगशालाओं में भेजे गए। नमूने त्वरित ढंग से एकत्र किए जा रहे हैं। 

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उन्होंने बताया कि पूल टेस्टिंग 10 प्रयोगशालाओं में की गयी और कुल 332 पूल टेस्ट किए गए। इनमें 1,612 नमूना परीक्षण हुए और 15 पूल पॉजिटिव आए। प्रमुख सचिव ने बताया कि आज की तारीख में पृथक वार्डों में 1769 मरीज हैं जबकि पृथक-वास केंद्रों में 11, 487 लोग हैं। उन्होंने बताया पृथक बिस्तरों की संख्या में काफी इजाफा किया गया है। कल 75 नयी इकाइयों को एल-1 या एल-1 कोविड केयर सेंटर के रूप में अधिसूचित किया गया है। पृथक-केंद्र बिस्तरों की संख्या 17, 194 है। इन बिस्तरों की संख्या चरणबद्ध ढंग से बढ़ाई जाएगी। पृथक-वास बिस्तरों की संख्या 21,569 है।

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प्रसाद ने बताया कि एल-1 श्रेणी के 155 चिकित्सालय हैं जबकि एल-2 श्रेणी के 78 और एल-3 श्रेणी के छह चिकित्सालय हैं। उन्होंने बताया कि जब लॉकडाउनशुरू हुआ था, उस समय स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव पड़ा था। कल से शासनादेश जारी किया गया है कि बच्चों के लिए टीकाकरण की सुविधा तत्काल शुरू की जाएगी। प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर संक्रमण से बचाव का प्रशिक्षण पूरे प्रदेश में निजी चिकित्सालयों को दिया गया। उम्मीद है कि ये अस्पताल पूरे प्रोटोकाल के साथ आपातकालीन सेवाएं प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि हर मरीज की कोरोना वायरस जांच कराई जाए, यह आवश्यक नहीं है। जिसमें लक्षण हो, केवल उसकी ही जांच कराई जानी चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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