लखीमपुर खीरी घटना: विपक्ष ने भाजपा की आलोचना की, न्यायिक जांच की मांग की

Lekhimpur Violence

कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, राष्ट्रीय लोक दल, आम आदमी पार्टी, वाम दलों सहित अन्य पार्टियों ने किसानों पर हमले की निंदा की तथा घटना की जांच किये जाने और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

विपक्षी दलों ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी पर प्रहार किया और उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की घटना की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में न्यायिक जांच कराने की मांग की।

इस घटना में किसानों के एक समूह को दो स्पोर्टस यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) ने कथित तौर पर कुचल दिया, जिससे हुई हिंसा में किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, राष्ट्रीय लोक दल, आम आदमी पार्टी, वाम दलों सहित अन्य पार्टियों ने किसानों पर हमले की निंदा की तथा घटना की जांच किये जाने और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

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संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के इस आरोप के बाद कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा का बेटा घटना में शामिल वाहनों में एक में यात्रा कर रहा था, कांग्रेस सहित कुछ दलों ने मिश्रा को तत्काल बर्खास्त करने की भी मांग की।

मिश्रा ने हालांकि दावा किया कि घटना के समय उनका बेटा और न ही वह मौके पर मौजूद थे। उन्होंने दावा किया कि लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों में मौजूद कुछ तत्वों ने पथराव के बाद एक कार के पलट जाने पर भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं और एक चालक को पीट-पीट कर मार डाला।

गुस्साये किसानों ने दो एसयूवी में आग भी लगा दी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने कहा कि लखीमपुर खीरी में रविवार की घटना के बाद भी चुप रहने वाले पहले ही मर चुके हैं और कहा कि किसानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।

रविवार को लखीमपुर खीरी में तिकोनिया-बनबीरपुर मार्ग पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को कथित तौर पर दो एसयूवी वाहनों से कुचले जाने के बाद हिंसा भड़क गई। लखीमपुर खीरी के जिलाधिकारी अरविंद कुमार चौरसिया ने कहा कि घटना में चार किसान और चार अन्य की मौत हो गई।

लखनऊ में उत्तर प्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि मृतकों में से चार लोग वाहनों में यात्रा कर रहे थे। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री एवं सांसद अजय कुमार मिश्रा के पैतृक गांव बनबीरपुर में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मौर्य के दौरे का विरोध करने के लिए किसान वहां एकत्र हुए थे।

राहुल गांधी ने हिंदी में ट्वीट किया, ‘‘जो इस अमानवीय नरसंहार को देखकर भी चुप है, वो पहले ही मर चुका है। लेकिन हम इस बलिदान को बेकार नहीं होने देंगे- किसान सत्याग्रह ज़िंदाबाद।’’ उन्होंने इस ट्वीट के साथ, मीडिया की एक खबर का एक स्क्रीनशॉट भी पोस्ट किया जिसमें दावा किया गया है कि लखीमपुर खीरी में भाजपा के एक नेता की कार ने किसानों को कुचला और इसके बाद वाहन में आगजनी की गई।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सवाल किया कि किसानों को इस देश में रहने का अधिकार है या नहीं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भाजपा देश के किसानों से कितनी नफ़रत करती है? उन्हें जीने का हक नहीं है? यदि वे आवाज उठाएंगे तो उन्हें गोली मार दोगे, गाड़ी चढ़ाकर रौंद दोगे? बहुत हो चुका। ये किसानों का देश है, भाजपा की क्रूर विचारधारा की जागीर नहीं है। किसान सत्याग्रह मजबूत होगा और किसान की आवाज और बुलंद होगी।’’

वह सोमवार सुबह लखीमपुर खीरी जाएंगी। सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी भी घटनास्थल का दौरा कर सकते हैं, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने इस घटना को ‘‘अन्नदाता’’ पर हमला और ‘‘किसानों तथा संविधान और लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास’’ करार दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि उच्चतम न्यायालय के किसी मौजूदा न्यायाधीश के नेतृत्व में पूरी घटना की जांच के लिए एक समिति का गठन किया जाए, किसानों को कुचलने के पीछे की सच्चाई का पता लगाए और उन्हें कड़ी सजा दी जाए।’’

वल्लभ ने कहा, ‘‘हम केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त करने की भी मांग करते हैं, जो किसानों को धमका रहे थे और उनका बेटा शामिल है।’’ कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ‘‘(नरेंद्र) मोदी सरकार किसानों के खून की प्यासी हो गई है।’’

उन्होंने दावा किया कि करनाल से लखीमपुर खीरी तक उनके शासन ने आतंक का राज फैला रखा है। कांग्रेस प्रवक्ता ने तस्वीरें साझा की, जिसे उन्होंने लखीमपुर खीरी की घटना के होने का दावा किया और कहा, ‘‘तस्वीरें वीभत्स हैं पर भाजपा का सच दिखाती हैं।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘दोषीयों के ख़िलाफ़ कार्यवाही क्यों नहीं?देश जानना चाहता है कि- देश के गृह राज्य मंत्री को अब तक बर्खास्त क्यों नही किया? मंत्री के हत्यारे बेटे के ख़िलाफ़ क़त्ल का पर्चा दर्ज क्यों नही किया?’’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी घटना की निंदा की और इसे बर्बर करार दिया।

उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के पांच सांसद सोमवार को पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात करेंगे। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा, ‘‘हमारे किसानों की आवाज को दबाने का बर्बर तरीका। मैं उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई घटना की कड़ी निंदा करता हूं।’’ बसपा प्रमुख मायावती ने दावा किया कि यह घटना भाजपा सरकार की ‘‘तानाशाही और बर्बर छवि’’ को सामने लाती है। उन्होंने कई ट्वीट कर कहा, ‘‘इस घटना के पीड़ितों को इस सरकार से उचित न्याय मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। हम मांग करते हैं कि उच्चतम न्यायालय इस घटना पर संज्ञान ले। हम बसपा का एक प्रतिनिधिमंडल भी घटना स्थल पर भेजेंगे।’’

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि उन्होंने घायलों में से एक तेजिंदर सिंह विर्क से बात की और सरकार से उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने की मांग की।

उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ एक मांग है, मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।’’ आम आदमी पार्टी ने घटना की सीबीआई जांच की मांग की है। आप नेता संजय सिंह ने दावा किया कि कम से कम तीन किसान मारे गए हैं। उन्होंने मांग की कि ‘‘हत्यारों’’ को ‘‘कड़ी सजा’’ दी जाए।

राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि यह अकल्पनीय है कि ‘‘अन्नदाता’’ पर इस तरह का अत्याचार किया जाएगा, जबकि रालोद नेता जयंत चौधरी ने इसे चौंकाने वाला करार दिया।

शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘सत्ता भ्रष्ट करती है और पूर्ण सत्ता पूरी तरह से भ्रष्ट करती है। लखीमपुर खीरी के दृश्य दुखद और निराशाजनक हैं। विरोध करने वाले किसानों को वाहन से कुचलना और उन्हें सिर्फ इसलिए मारना शर्मनाक है क्योंकि वे अपने अधिकार मांगते हैं। आशा है कि कानून दोषियों को नहीं बख्शेगा।’’

शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने केंद्रीय मंत्री के बेटे के खिलाफ कथित तौर पर किसानों को कुचलने के आरोप में हत्या का मामला तत्काल दर्ज करने की मांग की। बादल ने एक बयान में कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि सरकार केंद्रीय राज्य मंत्री के बेटे को बचाने की कोशिश कर रही है, जो चौंकाने वाला और निंदनीय है।’’

लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर वाम दलों ने भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि इस ‘‘बर्बरता’’ से किसानों का आंदोलन नहीं रुकेगा। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने एक ट्वीट में घटना की निंदा की और कहा कि इस तरह की बर्बरता से आंदोलन नहीं रुकेगा।

पार्टी ने ट्वीट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश से चौंकाने वाली खबर! केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे ने लखीमपुर खीरी में अपनी कार से प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचल दिया। तीन की मौत। यह भाजपा है। वे हमारे अन्नदाता के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं। बर्बरता किसानों के विरोध को कम नहीं करेगी।’’

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माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने कहा कि उनकी पार्टी के सहयोगी लखीमपुर खीरी जा रहे हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद बिनॉय विश्वम ने भी भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि लोग ‘‘बैलट’’ (मतपत्र) के जरिए ‘‘गोलियों’’ का बदला लेंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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