विपक्षी दलों ने पीएम केयर्स फंड के गठन पर सवाल उठाया, पारदर्शिता की कमी का लगाया आरोप

PM Cares Fund

शिवसेना के अरविंद सावंत ने पीएम केयर्स और कर की छूट की चर्चा करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में कोरोना के मामले ज्यादा हैं तो ऐसे में महाराष्ट्र के कोष को भी कर से छूट की सुविधा मिलनी चाहिए।

नयी दिल्ली। कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने शनिवार को लोकसभा में पीएम केयर्स फंड के गठन का विरोध किया और आरोप लगाया कि इसमें पारदर्शिता की कमी है। लोकसभा में कराधान और अन्य विधियां (कतिपय उपबंधों का संशोधन एवं छूट) विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि पीएम केयर्स फंड के गठन का क्या तर्क है जबकि पहले से ही प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष मौजूद है। विधेयक में कोविड-19 के मद्देनजर करदाताओं को कर अदायगी में राहत पहुंचाने, रिटर्न फाइल करने की समय सीमा को बढ़ाने, पीएक केयर्स फंड को दान देने पर कर रियायत की बात कही गई है। चर्चा के दौरान आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने कहा, ‘‘मुझे अलग कोष के गठन के पीछे का तर्क समझ नहीं आता है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष और प्रधानमंत्री केयर्स फंड के बीच अंतर क्या है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ आठ अलग अलग कानूनों में संशोधन किया जा रहा है और इसमें से एक महत्वपूर्ण कानून आयकर अधिनियम 1961 है।’’ प्रेमचंद्रन ने आरोप लगाया कि पीएम केयर्स फंड में पारदर्शिता का आभाव है क्योंकि इसका आडिट नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा नहीं हो सकता है। चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के सुभाष बहेड़िया ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों को समय पर पैसा लौटाया है जिसके लिए यह सरकार बधाई की हकदार है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कर का दायरा बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए। सरकार ने लघु एवं मध्यम उद्योगों की तरफ विशेष ध्यान दिया। कांग्रेस के मणिकम टैगोर ने कहा कि पीएम केयर्स कोष में छिपाने के लिए क्या है? यह तो कोई रक्षा या राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय तो नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पारदर्शिता की बात करते हैं, लेकिन अब इस बारे में क्या कहेंगे। क्या किसी राज्य का मुख्यमंत्री भी एक निजी ट्रस्ट बनाकर ऐसा कर सकता है। निजी ट्रस्ट की क्या जरूरत है? द्रमुक के गौतम सिगमणि पोन ने कहा कि सरकार को पीएम केयर्स में आए पैसे का पूरा ब्यौरा मुहैया कराना चाहिए। 

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तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा ने कहा कि सरकार राज्यों को जीएसटी का बकाया देने की अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती। उन्होंने कहा कि पीएम केयर्स कोष में चीनी कंपनियों ने अनुदान दिया, जबकि ये कंपनियां भारत के प्रमुख लोगों की जासूसी करा रही हैं। महुआ ने आरोप लगाया कि सरकार विकास दर और दूसरे सभी आंकड़ों को लेकर झूठ बोल रही है। भाजपा के गोपाल शेट्टी ने कहा कि कर की व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और कर के दायरे में विस्तार होगा। बीजू जनता के दल के भतृहरि महताब ने पीएम केयर्स कोष के पहल की सराहना की और कहा कि ऐसे कोष पहले भी बने हैं फिर इसके बारे में बात क्यों हो रही है। शिवसेना के अरविंद सावंत ने पीएम केयर्स और कर की छूट की चर्चा करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में कोरोना के मामले ज्यादा हैं तो ऐसे में महाराष्ट्र के कोष को भी कर से छूट की सुविधा मिलनी चाहिए। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के लाव श्रीकृष्णा ने कहा कि आंध्र प्रदेश को जीएसटी के बकाये की राशि मुहैया कराना चाहिए। तेलंगाना राष्ट्र समिति के नमा नागेश्वर राव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के श्रीनिवास पाटिल, निर्दलीय नवनीत कौर राणा और कई अन्य सदस्यों ने भी चर्चा में भाग लिया।

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