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शिवसेना का बीजेपी पर हमला, कहा- कोविड-19 संकट के बारे में संभलकर बात करनी चाहिए
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- फरवरी 23, 2021 16:48
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शिवसेना ने कहा कि विपक्ष को कोविड-19 संकट के बारे में संभलकर बात करनी चाहिए।मराठी दैनिक ने कहा कि अखिल भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान (एम्स)ने कोविड-19 की चर्चा की है। महाराष्ट्र में विपक्ष को समझना चाहिए एम्स महाविकास आघाडी का घटक नहीं है।’’
मुंबई। शिवसेना ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र में हाल में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी चिंता का विषय है और विपक्ष को कोविड-19 संकट के बारे सावधानीपूर्वक बोलना चाहिए। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को लोगों से कोविड-19 के संबंध में उचित तौर तरीके अपनाने और नियमों का पालन करने को कहा। उन्होंने कहा कि वह एक सप्ताह से लेकर 15 दिन तक हालात पर नजर रखेंगे और फिर लॉकडाउन लगाने का फैसला करेंगे। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में मंगलवार को एक संपादकीय में कहा गया कि ठाकरे की टिप्पणी के बाद भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि सरकार को खौफ का माहौल नहीं पैदा करना चाहिए और निरंकुश शासक की तरह काम नहीं करना चाहिए। शिवसेना ने एम्स, दिल्ली के निदेशक रणदीप गुलेरिया के बयान का हवाला देते हुए कहा कि ‘हर्ड इम्युनिटी’ हासिल करना बहुत कठिन है और उन्होंने महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मिले स्वरूप को ज्यादा घातक बताया है। इससे पूर्व में कोविड-19 की एंटीबॉडी बन चुके लोगों के भी फिर से संक्रमित होने का खतरा है। हर्ड इम्युनिटी वह अवस्था जब बड़ी संख्या में लोग किसी संक्रमण के प्रति प्रतिरोधक क्षमता प्राप्त कर लेते हैं।
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मराठी दैनिक ने कहा कि अखिल भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान (एम्स)ने कोविड-19 की चर्चा की है। महाराष्ट्र में विपक्ष को समझना चाहिए एम्स महाविकास आघाडी का घटक नहीं है।’’ संपादकीय में कहा गया, ‘‘हाल में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी चिंता का विषय है।’’ इसमें कहा गया कि पुन: लॉकडाउन टालना है तो लोगों को जिम्मेदारी भरा बर्ताव करना होगा। विपक्ष को भी जिम्मेदारी का अहसास होना चाहिए। ‘सामना’ में कहा गया, ‘विपक्ष को कोरोना संकट के समय सावधानी से बात करनी चाहिए। राजनीति करने के लिए पूरी जिंदगी पड़ी है और ऐसा नहीं है कि केवल कोरोना वायरस ने यह मौका दिया है। इसलिए सावधानी बरतें।’’ दरेकर पर निशाना साधते हुए संपादकीय में कहा गया कि महाराष्ट्र के नेताओं को अगर लगता है कि एम्स के निदेशक देश को गुमराह कर रहे हैं तो उन्हें दिल्ली जाकर प्रदर्शन करना चाहिए। शिवसेना ने कहा लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था की हालत खराब हो सकती है इसलिए केंद्र को ऐसी स्थिति में मदद करना चाहिए। संपादकीय में कहा गया, ‘‘महाराष्ट्र जैसे राज्य को विशेष आर्थिक पैकेज देना चाहिए। अगर महाराष्ट्र का विपक्ष (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी से वित्तीय पैकेज का अनुरोध करता है तो हमें इस पर आपत्ति नहीं होगी।
बढ़ते मामलों के बीच बोले स्वास्थ्य मंत्री, भारत में खात्मे की ओर बढ़ रही है कोविड-19 महामारी
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 8, 2021 08:45
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हर्षवर्धन ने रविवार को धर्मशिला नारायण अस्पताल के सहयोग से आयोजित दिल्ली चिकित्सा संघ (डीएमए) के 62वें वार्षिक दिल्ली राज्य चिकित्सा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश में अब तक कोविड-19 के दो करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं और टीकाकरण दर बढ़कर प्रतिदिन 15 लाख हो गई है।
नयी दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को कहा कि भारत में कोविड-19 महामारी खात्मे की ओर बढ़ रही है और कोविड-19 टीकाकरण अभियान को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि लोगों को टीके से जुड़े विज्ञान पर भरोसा और यह सुनिश्चित करना चाहिये कि उनके प्रियजनों को समय पर टीके लग जाएं। हर्षवर्धन ने रविवार को धर्मशिला नारायण अस्पताल के सहयोग से आयोजित दिल्ली चिकित्सा संघ (डीएमए) के 62वें वार्षिक दिल्ली राज्य चिकित्सा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश में अब तक कोविड-19 के दो करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं और टीकाकरण दर बढ़कर प्रतिदिन 15 लाख हो गई है।
उन्होंने कहा, दूसरे देशों के मुकाबले हमने कोविड-19 टीकों की तेजी से आपूर्ति की है, जो सुरक्षित हैं और उनकी प्रभावकारिता साबित हो चुकी है। प्रारंभिक परिणामों के आधार पर, भारत में निर्मित इन टीकों को दुनियाभर में लगाए जाने के बाद प्रतिकूल प्रभाव के बेहद कम मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा, भारत में कोविड-19 महामारी खात्मे की ओर बढ़ रही है। इस चरण में सफलता हासिल करने के लिये हमें तीन कदम उठाने की जरूरत है: कोविड-19 टीकाकरण अभियान को राजनीति से दूर रखें। कोविड-19 टीकों से जुड़े विज्ञान पर भरोसा करें और यह सुनिश्चित करें कि हमारे प्रिय जनों को समय पर टीके लगें।#CoronavirusPandemic has taught us that all systems of medicine have to work together. If we have to provide healthcare to not just a billion people but everyone across the globe, an integrated system of medicine is our way forward.@PMOIndia @MoHFW_INDIA pic.twitter.com/mXlqk19vqC
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) March 7, 2021
मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस के 429 नए मामले, तीन और व्यक्तियों की मौत
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 8, 2021 08:40
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अधिकारी ने बताया कि राज्य में कुल 2,64,643 संक्रमितों में से अब तक 2,57,166 मरीज स्वस्थ हो गये हैं और 3,606 मरीज़ों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। उन्होंने कहा कि रविवार को 347 रोगियों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
भोपाल। मध्यप्रदेश में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 429 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही राज्य में संक्रमितों की संख्या2,64,643 तक पहुंच गयी। पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से तीन और व्यक्तियों की मौत हुई है। राज्य में अब तक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 3,871 हो गयी है। यह जानकारी मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने दी है।
उन्होंने कहा कि रविवार को कोविड-19 के 161 नये मामले इंदौर में, जबकि 77 नये मामले भोपाल में सामने आये। अधिकारी ने बताया कि राज्य में कुल 2,64,643 संक्रमितों में से अब तक 2,57,166 मरीज स्वस्थ हो गये हैं और 3,606 मरीज़ों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। उन्होंने कहा कि रविवार को 347 रोगियों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।नोवल कोरोना वायरस #COVID19
मीडिया बुलेटिन 7 मार्च 2021
*शाम 6 बजे तक अद्यतन*@mp_iec#LargestVaccineDrive#MPFightsCorona#JansamparkMP pic.twitter.com/nPdKrqnv0e— DIRECTORATE OF HEALTH SERVICES, MP (@healthminmp) March 7, 2021
उत्तराखंड में भाजपा कोर ग्रुप की अचानक हुई बैठक, प्रदेश में बढ़ी सियासी सरगर्मी
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 8, 2021 08:35
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पार्टी सूत्रों ने बताया कि रमन सिंह ने कोर ग्रुप की बैठक में मौजूद हर सदस्य से अलग—अलग बातचीत की। बाद में रमन सिंह मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में भी गए जहां पार्टी के करीब 40 विधायक मौजूद थे।
उत्तराखंड भाजपा की कोर ग्रुप की अचानक हुई बैठक और उसमें केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में पार्टी उपाध्यक्ष और महासचिव व राज्य प्रभारी दुष्यंत गौतम की उपस्थिति ने राज्य सरकार में कुछ बड़े परिवर्तन की अटकलों को हवा दे कर प्रदेश का सियासी पारा बढ़ा दिया है। अलग-अलग हुई बैठकों के बाद दोनों केंद्रीय नेता दिल्ली लौट गए। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी के नेता रमन सिंह और दुष्यंत गौतम विधायकों व सांसदों से हुई बातचीत के बारे में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। प्रदेश इकाई की कोर ग्रुप की यह बैठक पहले से प्रस्तावित नहीं थी और यह ऐसे समय बुलाई गई जब प्रदेश की नई ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में राज्य विधानसभा का महत्वपूर्ण बजट सत्र चल रहा था। बैठक की सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को गैरसैंण से तुरंत देहरादून वापस आना पड़ा। आनन—फानन में बजट पारित करा कर सत्र भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया और भाजपा विधायकों को भी गैरसैंण से तत्काल देहरादून बुला लिया गया। दो घंटे से भी ज्यादा समय तक चली कोर ग्रुप की बैठक में राज्य सभा सदस्य नरेश बंसल, टिहरी से लोकसभा सदस्य माला राज्यलक्ष्मी शाह, पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, नैनीताल से लोकसभा सदस्य अजय भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक सहित पार्टी के प्रदेश संगठन के भी अहम नेता मौजूद रहे।
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पार्टी सूत्रों ने बताया कि रमन सिंह ने कोर ग्रुप की बैठक में मौजूद हर सदस्य से अलग—अलग बातचीत की। बाद में रमन सिंह मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में भी गए जहां पार्टी के करीब 40 विधायक मौजूद थे। कोर ग्रुप की बैठक के बाद सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय भी गए। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को भी कोर ग्रुप की बैठक में शरीक होना था, लेकिन किसी कारणवश वह नहीं पहुंच पाए। हालांकि, रमन सिंह के दिल्ली लौटने से पहले यहां जौलीग्रांट हवाई अडडे पर निशंक ने उनसे मुलाकात की। इतनी तेजी से हुए घटनाक्रम ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज कर दी हैं। ऐसी सुगबुगाहट है कि केंद्रीय नेतृत्व रावत के विकल्पों पर विचार कर रहा है। एक विधायक ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा कि केंद्रीय पर्यवेक्षको ने उनसे रावत के विकल्प के बारे में भी पूछा। प्रदेश भाजपा के सूत्रों ने बताया कि रावत की कार्यप्रणली और शासन में उनकी बात ना सुने जाने की केंद्रीय नेतृत्व से शिकायत की गई थी। पर्यवेक्षकों ने इस पर भी विधायकों से रायशुमारी की है। दिल्ली में पार्टी के सूत्रों ने बताया कि चूंकि पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं, ऐसे में पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इस पर भी विचार करेगा कि उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन से दन चुनावों पर किस तरह का असर पड़ेगा। सूत्रों ने ये भी कहा कि 10 मार्च को रावत से जुड़े एक कथित भ्रष्टाचार के मामले में उच्चतम न्यायालय में सुनवाई होनी है।
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इस बीच, भाजपा महासचिव गौतम ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की खबरों को अटकलें और ‘‘अनावश्यक’’ बताते हुए खारिज कर दिया और बताया कि रमन सिंह के साथ उनका उत्तराखंड दौरा सरकार के चार साल पूरा होने के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा तय करने को लेकर था। उन्होंने बताया कि चूंकि राज्य में अगले साल विधानसभा होने हैं, इसलिए राज्य के नेताओं से इस संदर्भ में भी चर्चा की गई। नेतृत्व परिवर्तन संबंधी खबरों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘यह अनावश्यक अटकलबाजी है।’’ अचानक केंद्रीय पर्यवेक्षकों के देहरादून पहुंचने और विधायकों से रायशुमारी किए जाने के संबंध में पूछे जाने पर बंशीधर भगत ने कहा, ‘‘18 मार्च को प्रदेश सरकार के चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 70 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले कार्यक्रमों के बारे में चर्चा करने के लिए यह बैठक बुलाई गई थी।’’ उन्होंने कहा कि प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की कोई संभावना नहीं है और पार्टी विधायकों में कहीं कोई मनमुटाव नहीं है। इस बीच, मुख्यमंत्री ने रविवार को गैरसैंण पार्टी के समस्त जिलाध्यक्षों के साथ बैठक की और 18 मार्च को आयोजित होने वाले सरकार के चार साल ‘बातें कम-काम ज्यादा’ कार्यक्रम को सफल बनाने को लेकर विचार-विमर्श किया। रावत उत्तराखंड के नौवें मुख्यमंत्री हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली भारी सफलता के बाद पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य की कमान रावत को सौंपने का फैसला किया था। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 75 में से 57 सीटों पर अपना कब्जा जमाया था। रावत राज्य में भाजपा के पांचवें मुख्यमंत्री हैं।

