Parliament Diary । सभापति ने खारिज की विपक्षी सदस्यों की मांग, रद्द नहीं होगा निलंबन

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शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना समेत विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले मानसून सत्र के दौरान अशोभनीय आचरण के चलते राज्यसभा के मौजूदा सत्र से निलंबित कर दिया गया। जिसके बाद आज विपक्षी दलों ने निलंबन को रद्द करने की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया।

संसद के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन हंगामेदार रहा। दोनों सदनों की कार्यवाही कई बार स्थगित होने के बाद बुधवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी गई। 12 सदस्यों के निलंबन का मुद्दा राज्यसभा में गूंजा और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने निलंबन को रद्द करने की मांग की। जिसे सभापति एम वेकैंया नायडू ने सिरे से खारिज कर दिया। वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने साफ किया कि अभी देश में कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमीक्रोन से जुड़ा हुआ एक भी मामला सामने नहीं आया है। 

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विपक्षी सदस्यों की मांग हुई खारिज

शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना समेत विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले मानसून सत्र के दौरान अशोभनीय आचरण के चलते राज्यसभा के मौजूदा सत्र से निलंबित कर दिया गया। जिसके बाद आज विपक्षी दलों ने निलंबन को रद्द करने की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया। जिसे राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सिरे से खारिज कर दिया। जिसके बाद विपक्ष के सांसदों ने वॉकआउट कर दिया। सभापति ने कहा कि यह निलंबन आसन की ओर से नहीं, सदन की ओर से किया गया है। सभापति ने कहा कि निलंबित सांसदों ने अपने किए पर किसी तरह का पछतावा जाहिर नहीं किया बल्कि अपने किए को उचित ठहराया। मुझे नहीं लगता कि निलंबन रद्द करने की नेता प्रतिपक्ष की अपील विचार करने योग्य है।

देश में ओमीक्रान का एक भी मामला नहीं

एक बार फिर से देश में कोरोना संक्रमण ने चिंताएं बढ़ा दी है। आपको बता दें कि कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन के चलते तरह-तरह की पाबंदियों की खबरें सामने आ रही हैं। इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने उच्च सदन को बताया कि अभी तक देश में कोरोना वायरस के नए वेरिएं ओमीक्रोन का कोई मामला सामने नहीं आया है और सरकार इस संबंध में सभी एहतियात बरत रही है।

उन्होंने बताया कि ओमीक्रोन स्वरूप के मामले अब तक दुनिया के 14 देशों में मिले हैं और भारत में इसका एक भी मामला सामने नहीं आया है। सरकार ने इस संबंध में परामर्श जारी किया है और संदिग्ध मामले को तुरंत ही जांच और जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजा जा रहा है। इसी बीच मनसुख मांडविया ने सदन को बताया कि दुनिया में खपत होने वाली हर छह टैबलेट में से एक भारत में बनती है। जो जेनरिक मेडिसिन होती है। हम दुनिया की फार्मेसी हैं। देश में 2.25 करोड़ से अधिक लोगों को आयुष्मान योजना का लाभ मिल चुका है। 

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जाते-जाते हम किसानों की बात कर लेते हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि एनसीआरबी ने 2020 की अपनी रिपोर्ट में किसानों की आत्महत्या के अलग-अलग कारण नहीं दिए हैं। उन्होंने बताया कि 2020 में किसानों की खुदकुशी के मामले इससे एक साल पूर्व की तुलना में कम होकर 5,579 हो गए थे। सबसे अधिक 2,567 मामले महाराष्ट्र से आए थे। इसके अलावा कर्नाटक से 1,072, आंध्र प्रदेश से 564, तेलंगाना से 466, मध्य प्रदेश से 235 और छत्तीसगढ़ से 227 मामले सामने आए।

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