पर्रिकर सरकार ने विधानसभा में अपना बहुमत साबित किया

[email protected] । Mar 16 2017 3:05PM

गोवा में मनोहर पर्रिकर सरकार ने आज विश्वास मत हासिल कर लिया। विधानसभा में मुख्यमंत्री की ओर से रखे गये विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 22 मत मिले जबकि विपक्ष में 16 मत मिले।

पणजी। मनोहर पर्रिकर सरकार ने आज 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में 22 विधायकों के समर्थन के साथ सदन में बहुमत साबित कर दिया। विपक्षी कांग्रेस पर्रिकर सरकार के खिलाफ महज 16 मत ही जुटा पाई, इस दौरान पार्टी का एक विधायक इस बेहद अह्म शक्ति परीक्षण के दौरान अनुपस्थित रहा। उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद शक्ति परीक्षण करवाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था। पर्रिकर ने इस हफ्ते की शुरूआत में रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और गत 14 मार्च को उन्हें तथा अन्य नौ विधायकों को राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने शपथ ग्रहण करवाई थी।

विश्वास मत में भाजपा के 12 विधायकों, गोवा फारवर्ड पार्टी के तीन विधायकों, महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी के तीन विधायकों, तीन निर्दलीयों के अलावा राकांपा के एक विधायक ने भी 61 वर्षीय नेता के पक्ष में मत दिया। विपक्ष में कांग्रेस के 16 विधायक मौजूद थे जबकि नवनिर्वाचित सदस्य विश्वजीत राणे मतदान के वक्त गैरमौजूद रहे। अस्थायी अध्यक्ष और भाजपा सदस्य सिद्धार्थ कुनकोलिनकर ने विश्वास मत करवाने का आदेश दिया था जिसे पर्रिकर सरकार ने स्पष्ट विभाजन के साथ पास कर लिया।

पर्रिकर के नाम पर भाजपा जीएफपी, एमजीपी और निर्दलीयों का समर्थन जुटाने में सफल रही। जब पर्रिकर ने विश्वास मत का प्रस्ताव रखा तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रतापसिंह राणे ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया। लेकिन अध्यक्ष ने इसकी इजाजत नहीं दी और मतदान प्रक्रिया को जारी रखा। चुनाव में सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बावजूद कांग्रेस सरकार नहीं बना सकी जबकि भाजपा ने त्वरित कदम उठाते हुए निर्दलीयों तथा क्षेत्रीय संगठनों का समर्थन जुटा लिया। पर्रिकर के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने की मांग को लेकर कांग्रेस ने 13 मार्च को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, कांग्रेस का दावा था कि चूंकि वह सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर आई है इसलिए सरकार गठन के लिए उसे आमंत्रित किया जाना चाहिए था। लेकिन शीर्ष अदालत ने शपथ ग्रहण समारोह पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और आज शक्ति परीक्षण करवाने का आदेश दिया। विश्वास मत से पहले सभी 40 विधायकों ने शपथ ली। इसके बाद, 22 मार्च को अध्यक्ष चुना जाएगा और 23 मार्च को राज्यपाल का अभिभाषण होगा। 24 मार्च को राज्य का बजट पेश होगा।

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