पवन सिंह की एनडीए में वापसी तय, कुशवाहा से सुलह; भाजपा ने बिछाई नई सियासी बिसात

Pawan Singh kushwaha
ANI
अंकित सिंह । Sep 30 2025 12:19PM

पवन सिंह की भाजपा में वापसी और उपेंद्र कुशवाहा से सुलह को आगामी बिहार विधानसभा चुनावों से पहले एनडीए की एकजुटता मजबूत करने की भाजपा की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। विनोद तावड़े की उपस्थिति में हुई इस मुलाकात से पवन सिंह के राष्ट्रीय लोक मोर्चा में शामिल होने और राज्यसभा भेजे जाने की संभावना है, जिससे शाहाबाद क्षेत्र में एनडीए को चुनावी लाभ मिलने का आकलन है।

अभिनेता और गायक पवन सिंह ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े की उपस्थिति में राष्ट्रीय लोक मोर्चा प्रमुख और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की। इससे माना जा रहा है कि आगामी चुनावों से पहले पवन सिंह बिहार की राजनीति में प्रवेश करने के लिए तैयार हैं और उन्हें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) द्वारा राज्यसभा भेजे जाने की संभावना है। गौरतलब है कि पिछले साल सिंह को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने निलंबित कर दिया था, क्योंकि उन्होंने एनडीए उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा था।

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सिंह राष्ट्रीय लोक मोर्चा में शामिल होने वाले हैं। उन्होंने पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा से उनके दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात की, जिससे उनकी राजनीतिक सक्रियता की खबरें आने लगीं। पवन सिंह लंबे समय से एनडीए के समर्थक माने जाते रहे हैं। वे भाजपा और उसके सहयोगी दलों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में कई बार शामिल हुए हैं। बिहार चुनाव में उनके शामिल होने को एनडीए खेमे के लिए एक बड़ा फायदा माना जा रहा है।

2024 में पवन ने काराकाट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। हालाँकि, वे भाकपा-माले के राजाराम सिंह कुशवाहा से चुनाव हार गए। एनडीए उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा करने के बाद उन्हें भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था। पवन सिंह के निर्दलीय चुनाव लड़ने से भी शाहाबाद क्षेत्र में एनडीए की ज़मीन खिसकने में मदद मिली।

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भाजपा अब चाहती है कि पवन सिंह विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी में वापस आ जाएँ। सूत्रों का कहना है कि उन्हें पहले कुशवाहा के साथ अपने रिश्ते सुधारने होंगे। पार्टी इसे बिहार में अपने सहयोगियों के बीच एकता बनाए रखने के लिए ज़रूरी मानती है। इस मुलाकात में पार्टी के बिहार संगठन प्रभारी विनोद तावड़े और राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिन्हा की मौजूदगी से साफ़ ज़ाहिर हुआ कि सिंह और कुशवाहा के बीच सुलह के पीछे भाजपा की पूरी ताकत है।

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