अशांति के लिए पीडीपी-भाजपा सरकार जिम्मेदारः चिदंबरम
पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कश्मीर घाटी में अशांति के लिए आज पीडीपी-भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान ने इस संकट को और ‘‘बढ़ाया’’ है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कश्मीर घाटी में अशांति के लिए आज पीडीपी-भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान ने इस संकट को और ‘‘बढ़ाया’’ है। चिदंबरम ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पूरी तरह ‘‘अराजक’’ हो रहे हालात को लेकर वह बेहद चिंतित हैं। एक बयान में चिदंबरम ने कहा, ‘‘पिछले छह हफ्तों में स्थिति तेजी से बिगड़ी है और इसके लिए पीडीपी-भाजपा सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है।’’
संप्रग सरकार में गृह मंत्री और वित्त मंत्री रह चुके चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के बयानों ने इस संकट को और ‘‘बढ़ाया’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘शब्दों और कार्रवाईयों में संयम बरतने से स्थिति को सुधारा जा सकता है। प्रदर्शनकारी युवकों, अन्य नागरिकों और सुरक्षा बलों की मौत से हम सभी स्तब्ध हैं। इसे रोका जाना चाहिए।’’ चिदंबरम ने कहा कि उन्हें आशंका है कि मौजूदा सरकार इस संकट से उबरने के लिए रास्ता तलाश नहीं कर पाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और अगर इच्छा हो तो पीडीपी को समाधान तलाशने के लिए निश्चित तौर पर साथ आना चाहिए, सबसे पहले हिंसा को रोकने के लिए तत्काल एक समाधान तलाशा जाए और फिर आगे ऐसा मार्ग प्रशस्त किया जाए जो जम्मू कश्मीर के लोगों में उम्मीद, शांति और खुशहाली लाए।’’
पिछले महीने चिदंबरम ने कहा था कि जम्मू कश्मीर एवं केंद्र की सरकार कश्मीर में स्थिति से ‘‘गलत तरीके से निपट’’ रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम (संप्रग सरकार) कभी भी ऐसी स्थिति से गलत तरीके से नहीं निपटे। बल्कि, 2010 में हमने खुद को ठीक किया। अब, केंद्र और जम्मू कश्मीर की दोनों सरकारें ऐसी स्थितियों से बेहद गलत तरीके से निपट रही हैं।’’ कश्मीर में स्थिति पर चिदंबरम ने एक स्वाभाविक सुझाव देते हुए ‘‘कश्मीर को भारत का अंग बनाए जाने के लिए जो समझौते हुए थे तथा जिनके कारण आज जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है’’, उन्हें फिर से बहाल किए जाने की वकालत की थी।
उन्होंने कहा था, ‘‘मुझे लगता है कि यह दृष्टिकोण गलत है। हमने उन समझौतों को नजरअंदाज किया जिनके तहत कश्मीर भारत का हिस्सा बना। मुझे लगता है कि हमने उनके विश्वास, वादों को तोड़ा है और नतीजतन हमें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी।’’ पूर्व गृह मंत्री ने कहा था कि सबसे बेहतर समाधान यह है कि केंद्र कश्मीर के लोगों को यह भरोसा दे कि ‘कश्मीर के विलय के संबंध’ में हुए समझौतों के दौरान जो वादे किए गए थे, उन्हें ‘पूरी ईमानदारी’ से लागू किया जाएगा।
चिदंबरम ने कहा, ‘‘मैं गलत या सही हो सकता हूं, लेकिन जरूरी यह भरोसा देना है कि उस दौरान हुए समझौते को पूरी ईमानदारी से बहाल किया जाएगा। जितना संभव हो और जब तक कि यह संविधान के विपरीत नहीं हो उन्हें (कश्मीर के लोगों को) खुद का कानून गढ़ने दीजिए।’’ उन्होंने कहा था, ‘‘हमें यह भरोसा दिलाना होगा कि हम उनकी पहचान, इतिहास, संस्कृति, धर्म का आदर करते हैं..।’'
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