लोकसभा चुनाव 2019 में प्रयुक्त VVPAT की पर्चियों की जांच को लेकर कोर्ट में PIL

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याचिका दायर करने वाले हंस राज जैन ने याचिका में यह भी कहा है कि चुनाव आयोग को 16,15,000 वीवीपैट युक्त ईवीएम खरीदने के लिए सरकार ने 3,173.47 करोड़ रुपये दिए थे ताकि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता लायी जा सके।

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर अनुरोध किया गया है कि वह 2019 लोकसभा चुनावों में सभी संसदीय क्षेत्रों में प्रयुक्त वीवीपैट वाली ईवीएम से निकली पर्चियों की जांच करने का निर्देश चुनाव आयोग को दे।

स्वयं को सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाले इस व्यक्ति ने अपनी याचिका में यह दावा किया है कि चुनाव आयोग द्वारा उसकी वेबसाइट पर डाली गई सूचनाओं के आधार पर करीब 373 संसदीय क्षेत्रों में मतदान के दौरान पड़े कुल मतों और गितनी किए गए मतों की संख्या में मेल नहीं है। याचिका दायर करने वाले हंस राज जैन ने याचिका में यह भी कहा है कि चुनाव आयोग को 16,15,000 वीवीपैट युक्त ईवीएम खरीदने के लिए सरकार ने 3,173.47 करोड़ रुपये दिए थे ताकि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता लायी जा सके।

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याचिका में दावा किया गया है कि कुल मतदान और गिनती किए गए मतों की संख्या में अंतर संदेह पैदा करता है। याचिका में चुनावों की पर्चियों की जांच के साथ ही आयोग को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है कि भविष्य में पर्चियों की भी गिनती की जाये।

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