लोकसभा चुनाव 2019 में प्रयुक्त VVPAT की पर्चियों की जांच को लेकर कोर्ट में PIL
याचिका दायर करने वाले हंस राज जैन ने याचिका में यह भी कहा है कि चुनाव आयोग को 16,15,000 वीवीपैट युक्त ईवीएम खरीदने के लिए सरकार ने 3,173.47 करोड़ रुपये दिए थे ताकि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता लायी जा सके।
नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर अनुरोध किया गया है कि वह 2019 लोकसभा चुनावों में सभी संसदीय क्षेत्रों में प्रयुक्त वीवीपैट वाली ईवीएम से निकली पर्चियों की जांच करने का निर्देश चुनाव आयोग को दे।
PIL filed in Delhi High Court seeking directions to Election Commission of India to inspect VVPAT slips of EVM machines used in 2019 general elections to verify the data given by Election Commission on its website.
— ANI (@ANI) November 22, 2019
स्वयं को सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाले इस व्यक्ति ने अपनी याचिका में यह दावा किया है कि चुनाव आयोग द्वारा उसकी वेबसाइट पर डाली गई सूचनाओं के आधार पर करीब 373 संसदीय क्षेत्रों में मतदान के दौरान पड़े कुल मतों और गितनी किए गए मतों की संख्या में मेल नहीं है। याचिका दायर करने वाले हंस राज जैन ने याचिका में यह भी कहा है कि चुनाव आयोग को 16,15,000 वीवीपैट युक्त ईवीएम खरीदने के लिए सरकार ने 3,173.47 करोड़ रुपये दिए थे ताकि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता लायी जा सके।
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याचिका में दावा किया गया है कि कुल मतदान और गिनती किए गए मतों की संख्या में अंतर संदेह पैदा करता है। याचिका में चुनावों की पर्चियों की जांच के साथ ही आयोग को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है कि भविष्य में पर्चियों की भी गिनती की जाये।
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