Kartavyapath : PM Modi ने साकार किया जनता का अपना घर पाने का सपना, प्रधानमंत्री आवास योजना से हो रही संकल्प सिद्धि

एक सपना था हो घर मेरा, छोटा हो मगर अपनों से भरा- ये सिर्फ शब्द नहीं बल्कि हर आम इंसान के दिल की हसरत है। हर व्यक्ति चाहता है कि उसका अपना खुद का एक घर हो, जहां वो अपने परिवार के साथ रह सके। सिर के ऊपर छत होना एक मिडिल क्लास परिवार के लिए बहुत बड़ी बात होती है।
मगर भारत में कई मिडिल क्लास परिवारों को अपने खुद का घर खरीदना काफी मुश्किल होता है। इसकी पुष्टि वर्ष 2011 की जनगणना रिपोर्ट के आंकड़े करते है। आंकड़ों के अनुसार 1.39 करोड़ परिवारों के करीब 6.55 करोड़ लोग स्लम बस्तियों में रहने को मजबूर थे। इनमें से राजधानी दिल्ली की 10 फीसदी से अधिक आबादी यानी करीब 17.85 लाख लोग यहां की स्लम बस्तियों में रह रहे थे।
इन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया था। मगर जब वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी तो देशभर के गरीब-वंचितों को पक्के घर देने वाली प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत हुई। इस योजना के जरिए जहां झुग्गी - वहीं मकान के तहत स्लम निवासियों को पक्के आवास उपलब्ध कराए जाते हैं। इस योजना के जरिए पिछले तीन साल में ही करीब 2.50 लाख मकान उपलब्ध कराए गए हैं, संकल्प सिद्धि के साथ अंत्योदय से सर्वोदय के उद्देश्य को पूरा करने का रास्ता भी इससे बन रहा है।
देश के हर व्यक्ति को अपना घर देने का सपना दिखाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए भारत के सपने को साकार करने के साथ हर समस्या का हल निकालने में जुटे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व का ही नतीजा है कि देश को प्रगति की राह पर आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्पों में हर देशवासी को अपना घर मुहैया कराने की सुविधा भी शामिल की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इस संकल्प को साकार करते हुए दिल्ली की कालकाजी स्थित स्लम बस्ती में रहने वालों को उनकी झुग्गी की जगह पक्के घर देने की शुरुआत की। यहां पुनर्वास योजना के पहले चरण के तहत 3,024 फ्लैट बनाए गए थे। अब तक 1862 परिवारों को आवंटन पत्र जारी करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
दिल्ली विकास प्राधिकरण, दिल्ली की 376 झुग्गी क्लस्टरों के आस पास भी पुनर्वास का काम करने में जुटा हुआ है। कालकाजी के भूमि हीन कैंप के झुग्गी क्लस्टर निवासियों के पुनर्वास के लिए गुणवत्तायुक्त मॉडल के ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का निर्माण किया है। जानकारी के अनुसार पहले चरण में 343 करोड़ रुपये की लागत से 3.06 हेक्टेयर में पांच टॉवर का निर्माण किया जाएगा। खास बात है कि इन फ्लैटों में भूमिहीन शिविर, नवजीवन शिविर और जवाहर शिविर का पुनर्वास चरणबद्ध तरीके से होगा।
बता दें कि योजना के तहत जिन घरों का विकास 25 वर्ग मीटर के क्षेत्र में होगा, उस फ्लैट में एक लिविंग रूम, एक बेडरुम, एक किचन, एक बाथरुम और एक बालकनी शामिल होगी। वहीं जिन आम लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिए अपने सिर पर स्थायी छत मिली है, उन्हें अलग ही संतुष्टि है। योजना के लाभार्थियों की आंखों में अपने घर की चाबी मिलने की खुशी भी साफ झलक रही थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आवास योजना के लाभार्थियों से कहा कि सबके लिए घर, सबके लिए बिजली, सबके लिए बीमा, सबके लिए गैस कनेक्शन, यह न्यू इंडिया की संपूर्णता की तस्वीर होगी। आज देश में जो सरकार है, वो गरीब की सरकार है, इसलिए वो गरीब को अपने हाल पर नहीं छोड़ सकती। देश की नीतियों और निर्णयों के केंद्र में गरीब है। दिल्ली के अनाधिकृत कालोनियों में बने घरों को पीएम-उदय योजना के माध्यम से नियमित करने का काम चल रहा है।”
अन्य न्यूज़