G-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे PM मोदी, पोप फ्रांसिस से भी होगी मुलाकात

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विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि यह वार्ता प्रधानमंत्री मोदी के रोम और ग्लासगो की यात्रा के बारे में है, जहां वे 16वीं जी-20 समिट और वर्ल्ड लीडर समिट ऑफ कोप-26 में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री रोम में 29-31 अक्टूबर तक रहेंगे, जहां वे जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

नयी दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को होने वाली सप्ताहिक प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी दौरे के बार में जानकारी दी। आपको बता दें प्रधानमंत्री मोदी रोम और ग्लासगो की यात्रा करने वाले हैं। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी रोम में 29 से 31 अक्टूबर तक रहेंगे। 

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PM मोदी का इटली दौरा 

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि यह वार्ता प्रधानमंत्री मोदी के रोम और ग्लासगो की यात्रा के बारे में है, जहां वे 16वीं जी-20 समिट और वर्ल्ड लीडर समिट ऑफ कोप-26 में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री रोम में 29-31 अक्टूबर तक रहेंगे, जहां वे जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि जी-20 सम्मेलन में इटली का ध्यान महामारी से उबरने, वैश्विक स्वास्थ्य तंत्र को मज़बूत करने, आर्थिक सुधार, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास और खाद्य सुरक्षा पर है। भारत इटली द्वारा चुने गए इन सभी क्षेत्रों का पूरी तरह समर्थन करता है।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वेटिकन में पोप फ्रांसिस से मुलाकात करेंगे। हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि यह वार्ता प्रतिनिधिमंडल स्तर पर होगी या फिर अकेले।

वहीं विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने अन्य देशों से वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को मंजूरी देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हमने ऐसे ज्यादातर देशों के साथ बातचीत की है जहां भारतीय नागरिक यात्रा करते हैं कि उन्हें हमारी वैक्सीनेशन सर्टिफिकेशन को मंजूरी देनी चाहिए और हम भी उन देशों के वैक्सीनेशन सर्टिफेकेशन को मंजूरी देंगे। बहुत से देश इससे सहमत हैं। 

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WHO को जल्द जवाब देगा भारत बायोटेक

उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का टेक्निकल एक्शन ग्रुप की बैठक हुई थी जिसमें इन्होंने भारत बायोटेक से कुछ सवाल पूछे थे। भारत बायोटेक इसपर जवाब जल्द डब्ल्यूएचओ को दे देगा। एक बार अगर जवाब अच्छे से दिया जाएगा तो जल्द कोवैक्सीन के लिए मंजूरी जल्द दी जानी चाहिए। 

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