मनमोहन पर संसदीय समिति के निर्णय का PU ने स्वागत किया

चण्डीगढ़। पंजाब विश्वविद्यालय के कुलपति अरुण कुमार ग्रोवर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के विश्वविद्यालय में आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं और उनका मानना है कि छात्रों से संवाद उनके लिए ‘‘प्रेरणादायक’’ होगा। एक दिन पहले ही संसदीय समिति ने पूर्व प्रधानमंत्री के शैक्षणिक कार्यकलाप को मंजूरी दे दी है। लाभ के पद मामले की संयुक्त समिति ने कहा कि सिंह अगर पंजाब विश्वविद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल होते हैं तो उनकी राज्यसभा की सदस्यता नहीं जाएगी।
सिंह इस विश्वविद्यालय के छात्र रह चुके हैं और विश्वविद्यालय ने उन्हें यहां शिक्षक बनने की पेशकश की है। विश्वविद्यालय के जनसंपर्क निदेशक विनीत पुनिया ने कहा कि ग्रोवर ने इस पहल का स्वागत किया है। कुलपति ने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय पीयू (पंजाब विश्वविद्यालय) में उनके दौरे की प्रतीक्षा कर रहा है। छात्रों और शिक्षकों से उनका संवाद पीयू में सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत होगा।’’ पुनिया ने कहा कि पंजाब विश्वविद्यालय ने सिंह को चेयर प्रोफेसरशिप की पेशकश की थी। विश्वविद्यालय से जवाहरलाल नेहरू चेयर प्रोफेसरशिप की पेशकश पाने के तुरंत बाद सिंह ने जुलाई में राज्यसभा के सभापति से संपर्क कर परामर्श मांगा कि क्या पद ग्रहण करने से ‘लाभ का पद’ धारण करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 102 (1) (ए) के तहत अयोग्यता का मामला बनता है।
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