कृषि भवन में धरने के दौरान हिरासत में लिए गए टीएमसी नेताओं को पुलिस ने रिहा किया

TMC Leader
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कृषि भवन जाने के करीब डेढ़ घंटे बाद टीएमसी नेताओं ने दावा किया कि राज्य मंत्री ने यह कहते हुए उनसे मिलने से इनकार कर दिया कि वह पांच से अधिक प्रतिनिधियों से नहीं मिलेंगी।

केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की मांग को लेकर यहां कृषि भवन में धरने पर बैठे तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के महासचिव अभिषेक बनर्जी और पार्टी के कई अन्य नेताओं को हिरासत में लेने के करीब तीन घंटे बाद मंगलवार रात रिहा कर दिया गया।

बनर्जी ने कहा कि आज का दिन ‘नए भारत’ में एक मिसाल बन गया है जब दिल्ली पुलिस ने जन प्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार किया और सरकार से सवाल करने वाले पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज किया। उन्होंने अपनी रिहाई के बाद पत्रकारों से कहा, “आज भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन है।”

यह घटनाक्रम तब हुआ, जब राज्य को निधि जारी करने की मांग को लेकर केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच रस्साकशी तेज हो गई तथा तृणमूल कांग्रेस ने लगातार दूसरे दिन राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन किया।

महात्मा गांधी की जयंती पर यहां राजघाट पर दो घंटे तक धरना देने के एक दिन बाद बनर्जी ने टीएमसी सांसदों, विधायकों और राज्य के मंत्रियों तथा समर्थकों सहित मनरेगा श्रमिकों के साथ राष्ट्रीय राजधानी स्थित जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया।

बाद में, उन्होंने कृषि भवन में ग्रामीण विकास मंत्रालय तक मार्च निकाला, जहां केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से मुलाकात करने का उनका कार्यक्रम था।

कृषि भवन जाने के करीब डेढ़ घंटे बाद टीएमसी नेताओं ने दावा किया कि राज्य मंत्री ने यह कहते हुए उनसे मिलने से इनकार कर दिया कि वह पांच से अधिक प्रतिनिधियों से नहीं मिलेंगी।

बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी नेताओं का एक समूह धरने पर बैठ गया, जो रात करीब नौ बजे तक जारी रहा, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और मंत्रालय परिसर से बाहर निकाल दिया।

तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि कुछ नेताओं के मोबाइल फोन भी पुलिस ने ले लिए। पुलिस ने देर रात तृणमूल नेताओं को रिहा कर दिया।

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