प्रधानमंत्री अपने पद से नहीं, बल्कि सोच से बड़ा होता है: आजाद

Prime Minister is bigger than his position, rather than thinking: Azad

कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री पद से बड़ा नहीं होता, बल्कि अपनी सोच से बड़ा होता है।

इलाहाबाद। कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री पद से बड़ा नहीं होता, बल्कि अपनी सोच से बड़ा होता है। यहां पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की जन्म शताब्दी के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर अपने संबोधन में आजाद ने कहा, "हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं कि उन्होंने बहुत बड़ी कुर्बानी दी प्रधानमंत्री बनकर। प्रधानमंत्री, पद से बड़ा नहीं होता, सोच से बड़ा होता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी अपनी सोच की वजह से प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति से भी ऊपर थे।"

कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राज बब्बर ने भी मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा, "हमारे प्रधानमंत्री जब मनीला जाते हैं और वहां के किसानों के साथ लहलहाती फसलों के बीच फोटो खिंचाते हैं तो अजीब लगता है। यदि वह हिंदुस्तान के किसानों के साथ फोटों खिंचाते तो साढ़े तीन साल में यहां के किसानों की स्थिति कुछ और होती। "उन्होंने कहा, "आप खाट पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाते समय किसानों के बारे में नहीं सोचते। कीटनाशक पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाते समय आपको किसानों का ख्याल नहीं आता। इसी तरह आप ट्रैक्टर, कृषि उपकरणों और कोल्ड स्टोरेज पर भी जीएसटी लगा देते हैं।"

राज बब्बर ने कहा, "जब से आप प्रधानमंत्री बने हैं, भारत के लोगों को भ्रष्टाचारी साबित करने पर लगे हैं। कुछ ऐतिहासिक करने के लिए आप पिछले वर्ष 8 नवंबर को टीवी पर आए और नोटबंदी का ऐलान कर दिया। नोटबंदी फ्लाप हुई तो कैशलेस इकोनामी की बात करने लगे और अब 18 लाख लेनदेन की जांच कराने की बात कर रहे हैं।" उन्होंने कहा, "राम का नाम लेकर भीख मांगने वालों, काम भी करना शुरू करो तो देश मानेगा।

गोरखपुर से मुख्यमंत्री और वाराणसी से प्रधानमंत्री इतना बता दें कि पूर्वी यूपी में कौन सा ऐसा काम किया है जिसे जनता याद रखे। मोटा भाई (अमित शाह) ने बयान दिया है कि प्रधानमंत्री अब भी काफी लोकप्रिय हैं। यहां (इलाहाबाद) से नटवर लाल भी लोकप्रिय था। प्रधानमंत्री होने के लिए जो बलिदान, राष्ट्रभक्ति होनी चाहिए वह इंदिरा जी में थी।

"कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम शेरवानी, अनिल शास्त्री, कांग्रेस नेता संजय सिंह, पीएल पुनिया, प्रमोद तिवारी, पार्टी के पांच जिलों इलाहाबाद, प्रतापगढ़, कौशांबी, चित्रकूट और भदोही के अध्यक्ष एवं बड़ी संख्या में नेता और पार्टी कार्यकर्ता शामिल हुए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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