प्रियंका चतुर्वेदी ने वित्त मंत्री को लिखा पत्र, लघु बचत योजनाओं में ब्याज दरें बढ़ाने की मांग की

Priyanka Chaturvedi
अभिनय आकाश । Jan 23 2022 3:40PM

शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे एक पत्र में मौजूदा कम ब्याज दरों के कारण वरिष्ठ नागरिकों के वित्तीय संकट को दूर करने के उपायों का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट सरकार को वरिष्ठ नागरिकों की चिंताओं को हल करने का अवसर प्रदान करता है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश करने वाली हैं। उससे पहले शिवसेना की राज्यसभा की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने वित्त मंत्री को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होनें लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें बढ़ाने की मांग की है। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे एक पत्र में मौजूदा कम ब्याज दरों के कारण वरिष्ठ नागरिकों के वित्तीय संकट को दूर करने के उपायों का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट सरकार को वरिष्ठ नागरिकों की चिंताओं को हल करने का अवसर प्रदान करता है।

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प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने पत्र में कहा कि सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ}, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस), राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) और डाकघर बचत योजना जैसी छोटी बचत योजनाओं में ब्याज दरें गिर रही हैं। ब्याज दरों में इस तरह की गिरावट आय को प्रभावित कर सकती है और देश भर में बचत, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों की जो अपनी बुनियादी जरूरतों और अस्तित्व के लिए ऐसी योजनाओं पर निर्भर हैं। 

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प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि वर्तमान में उच्च मुद्रास्फीति को देखते हुए ब्याज दरें बेहद कम हैं। पिछले कुछ वर्षों में सावधि जमा में ब्याज 12% से घटकर 5% हो गया है। निवेश पर 15 लाख की सीमा के साथ डाकघरों की बचत घटकर लगभग 7% रह गई है। पीपीएफ के मामले में इसकी अधिकतम सालाना सीमा 1.5 लाख है। इसके अलावा पीपीएफ को छोड़कर ये सभी कर योग्य हैं। ब्याज कम होने से वरिष्ठ नागरिकों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए अपने घर चलाने के लिए पर्याप्त आय प्राप्त करना मुश्किल हो गया है।" महामारी ने जनता की जेब पर भी भारी दबाव डाला है और बचत योजना को बाधित किया है। इसलिए, यह सुनिश्चित करना सरकार का कर्तव्य बन जाता है कि यह बोझ जनता, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों, जो देश की आबादी का लगभग 14 करोड़ है, पर न पड़े।

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