Prabhasakshi's Newsroom। चन्नी मंत्रिमंडल ने करतारपुर में टेका मत्था । यमुना सफाई का छह सूत्री प्लान तैयार

Channi Kartarpur

मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अपने मंत्रिमंडल के साथ पाकिस्तान के करतारपुर साहिब में मत्था टेका। इसे 20 माह के अंतराल के बाद श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोला गया है। गलियारा, पाकिस्तान के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से जोड़ता है और इससे होकर जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं है।

सिख समुदाय के सबसे पवित्र स्थलों में से एक करतारपुर कॉरिडोर 20 महीने के बाद एक बार पुन: खुल गया है और पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अपने मंत्रिमंडल के साथ करतापुर में मत्था टेकने पहुंचे लेकिन उनके साथ नवजोत सिंह सिद्धू नहीं थे, क्योंकि उन्हें आज जाने की इजाजत नहीं मिली थी। हम बात दिल्ली सरकार के छह सूत्री फॉर्मूले की भी करेंगे। जिसके माध्यम से वो यमुना को साफ करने वाले हैं। सरकार ने यहा तक कह दिया है कि यमुना में औद्योगिक कचरे का निर्वहन करने वाले उद्योगों को बंद किया जाएगा और अंत में चर्चा मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की करेंगे। जिसे आज उच्चतम न्यायालय ने जमकर फटकारा है। 

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करतारपुर में चन्नी ने मत्था टेका

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अपने मंत्रिमंडल के साथ पाकिस्तान के करतारपुर साहिब में मत्था टेका। इसे 20 माह के अंतराल के बाद सिख समुदाय के श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोला गया है। 4 किमी लंबा यह गलियारा, पाकिस्तान के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से जोड़ता है और इससे होकर जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं है।

कोरोना महामारी के कारण गुरुद्वारा दरबार साहिब के लिए तीर्थयात्रा करीब 20 महीने से स्थगित थी। आपको बता दें कि चन्नी मंत्रिमंडल के अलावा भाजपा का भी एक जत्था गुरुद्वारा दरबार साहिब पहुंचा। वहीं दूसरी तरफ नवजोत सिंह सिद्धू चन्नी के काफिले में मौजूद नहीं थे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक सिद्धू 20 नवंबर को करतारपुर जाएंगे। चन्नी मंत्रिमंडल में शामिल बरिंदरमीत सिंह पहरा ने सरकार की पूरी योजना बताई। 

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यमुना सफाई का प्लान तैयार

दिल्ली से होकर गुजरने वाली यमुना की सफाई को लेकर घमासान मचा हुआ है। भाजपा और केजरीवाल सरकार एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं और कोई भी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में यमुना का छाग तो समाप्त नहीं हुआ लेकिन सफाई की योजना बनाई गई है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि फरवरी 2025 तक यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए उनकी सरकार 6 सूत्री कार्ययोजना पर युद्ध स्तर पर काम कर रही है। वह दिल्ली में यमुना की सफाई के बारे में 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले किए गए वादे को पूरा करेंगे।

केजरीवाल ने कहा कि यमुना को इतना प्रदूषित होने में 70 साल लगे। 70 सालों में हुए नुकसान की भरपाई महज दो दिनों में नहीं की जा सकती। मैंने वादा किया था कि मैं अगले विधानसभा चुनावों तक दिल्ली में यमुना को साफ करूंगा और आप सभी के साथ इसमें डुबकी लगाऊंगा।

वहीं भाजपा ने केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि स्क्रिप्ट वही, तारीख नई। आपको बता दें कि छठ पूजा के दौरान यमुना की सतह पर तैरते झाग में पूजा करते व्रतियों की तस्वीरें और वीडियो सामने आने के बाद दिल्ली सरकार और भाजपा के बीच राजनीतिक खींचतान शुरू हो गई। वजीराबाद और ओखला के बीच यमुना का 22 किमी का क्षेत्र, इस नदी के करीब 80 प्रतिशत प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है। यह यमुनोत्री से निकलकर इलाहाबाद तक फैली 1,370 किमी लंबी नदी का दो प्रतिशत से भी कम हिस्सा है। 

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कहां हैं परमबीर सिंह ?

उच्चतम न्यायालय ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ जबरन वसूली के एक मामले में गिरफ्तारी से सुरक्षा देने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि जब तक हमें यह नहीं पता चल जाता कि आप कहां हैं तब तक कोई सुरक्षा नहीं दी जाएगी, कोई सुनवाई नहीं होगी। आपको बता दें कि परमबीर सिंह ने अदालत से सुरक्षात्मक आदेश देने का अनुरोध किया है।

इसी बीच अदालत ने परमबीर सिंह के वकील को उनका पता बताने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि आप सुरक्षात्मक आदेश देने का अनुरोध कर रहे हैं लेकिन कोई नहीं जानता कि आप कहां हैं। मान लीजिए आप विदेश में बैठे हैं और पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए कानूनी सहारा ले रहे हैं तो क्या होगा। अगर ऐसा है, तो अदालत यदि आपके पक्ष में फैसला देती है तभी आप भारत आएंगे होगा, हम नहीं जानते कि आपके दिमाग में क्या चल रहा है। जब तक हमें यह पता नहीं चल जाता कि आप कहां हैं, तब तक कोई सुरक्षा नहीं, कोई सुनवाई नहीं होगी। हालांकि अदालत ने पूर्व पुलिस आयुक्त की ओर से उनके पावर आफ अटॉर्नी की याचिका 22 नवंबर के लिए सूचीबद्ध कर दी है।

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