सिरसा में कृषि कानूनों का विरोध करने वालों पर पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ किसानों ने किया चक्का जाम

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क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों और कई अन्य सड़कें दोपहर 12 बजे से दो बजे के बीच चक्का जाम के तहत बाधित रखी गईं।

चंडीगढ। सिरसा में मंगलवार को नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करने वालों पर हरियाणा पुलिस द्वारा आंसू गैस और पानी की बौछार का उपयोग किए जाने के विरोध में शुक्रवार को किसान संगठनों ने पंजाब के कई हिस्सों में दो घंटे तक चक्का जाम किया। प्रदर्शनकारी किसानों ने राज्य में राजगार्मों के साथ ही कई सड़कों को बाधित किया, जिसके चलते वाहनों की आवाजाही में रूकावट आई। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि कई स्थानों पर यातायात को वैकल्पिक मार्गों की ओर मोड़ दिया गया था। 

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क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों और कई अन्य सड़कें दोपहर 12 बजे से दो बजे के बीच चक्का जाम के तहत बाधित रखी गईं। हालांकि, एम्बुलेंस और अन्य आपात स्थिति वाले वाहनों को आवाजाही की अनुमति रही। उन्होंने कहा कि किसानों ने राज्य के विभिन्न टोल प्लाजा पर भी धरना दिया। पाल ने कहा कि हम हरियाणा के सिरसा में किसानों के खिलाफ की गई पुलिसिया कार्रवाई का विरोध कर रहे थे। सिरसा में उन्हें विरोध-प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी गई और उन पर आंसू गैस और पानी की बौछार का उपयोग किया गया। बाद में उन्हें प्रदर्शन स्थल से हटा दिया गया। 

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लुधियाना में एक टोल प्लाजा पर प्रदर्शन कर रहे किसान ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि वे किसानों का दर्द नहीं समझते। हमारे साथी सिरसा में कृषि कानूनों का विरोध कर रहे थे लेकिन उनकी आवाज को दबाया गया। वहीं, अमृतसर और होशियारपुर में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि नए कृषि कानूनों से ना केवल किसान प्रभावित होंगे बल्कि मजदूर और छोटे दुकानदारों पर भी इनका प्रभाव पड़ेगा।

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