असम में बोले राहुल गांधी- सुन लो हम दो हमारे दो, सत्ता में आए तो CAA कभी लागू नहीं करेंगे

Rahul Gandhi
अंकित सिंह । Feb 14 2021 2:48PM

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा, आरएसएस असम को बांटने की कोशिश कर रहे हैं, नरेन्द्र मोदी और अमित शाह इससे प्रभावित नहीं होंगे लेकिन असम और पूरा देश इससे प्रभावित होगा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हम दो, हमारे दो, असम के लिये और दो, और सबकुछ लूट लो।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने असम की रैली में कहा कि परिस्थितियां चाहे जो भी रहें, अगर हम सत्ता में आए तो सीएए कभी लागू नहीं करेंगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शिवसागर में रैली में कहा कि कांग्रेस ने असम के लोगों को एकजुट किया, इससे पहले हिंसा के चलते इस बात की कोई गारंटी नहीं हुआ करती थी कि कोई व्यक्ति जनसभा से घर वापस लौट पाएगा कि नहीं। उन्होंने दावा किया कि मैं और कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता असम समझौते के सिद्धांतों की रक्षा करेंगे, हम इससे एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे।

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा, आरएसएस असम को बांटने की कोशिश कर रहे हैं, नरेन्द्र मोदी और अमित शाह इससे प्रभावित नहीं होंगे लेकिन असम और पूरा देश इससे प्रभावित होगा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हम दो, हमारे दो, असम के लिये और दो, और सबकुछ लूट लो। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों का पैसा लूटा और अपने दो दोस्तों का कर्ज माफ कर दिया। राज्य सरकार पर तंज कसते हुए राहुल ने कहा कि रिमोट कंट्रोल से टीवी चल सकता है, मुख्यमंत्री नहीं, आपको अपना मुख्यमंत्री चाहिये जो आपकी परेशानियों को सुने, लेकिन असम के मौजूद मुख्यमंत्री केवल नागपुर और दिल्ली की सुनते हैं। 

असम में सत्ता में आने पर कांग्रेस कभी भी सीएए लागू नहीं करेगी: राहुल

भाजपा और आरएसएस पर असम को विभाजित करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी असम समझौते के हर सिद्धांत की रक्षा करेगी और अगर राज्य में सत्ता में आती है तो कभी भी संशोधित नागरिकता कानून लागू नहीं करेगी। विधानसभा चुनावों से पहले असम में पहली रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि राज्य को ‘‘अपने मुख्यमंत्री’’ की जरूरत है जो लोगों की आवाज सुने, न कि जो नागपुर और दिल्ली की आवाज सुने। असम में मार्च-अप्रैल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उन्होंने कहा, ‘‘असम समझौते से शांति आई है और यह राज्य के लिए रक्षक की तरह है। मैं और मेरी पार्टी के कार्यकर्ता समझौते के हर सिद्धांत की रक्षा करेंगे। इससे बिल्कुल नहीं भटकेंगे।’’ गांधी ने कहा कि असम में अवैध आव्रजन एक मुद्दा है और विश्वास जताया कि राज्य के लोगों में वार्ता के माध्यम से मुद्दे के समाधान की क्षमता है। असम समझौते के मुद्दे पर भाजपा और आरएसएस पर राज्य को विभाजित करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अगर असम बंटता है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर प्रभाव नहीं पड़ेगा, बल्कि असम के लोग और शेष भारत प्रभावित होंगे।’’ विवादास्पद सीएए के बारे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर उनकी पार्टी राज्य में सत्ता में आती है तो किसी भी स्थिति में यह कानून लागू नहीं किया जाएगा। 

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गांधी सहित पार्टी के सभी नेता ‘गमछा’ पहने हुए थे, जिसपर सांकेतिक रूप से ‘सीएए’ शब्द को काटते हुए दिखाया गया, जो विवादास्पद कानून के खिलाफ एक संदेश था। गांधी ने कहा कि असम को उनके अपने लोगों में से एक मुख्यमंत्री की जरूरत है, जो उनके मुद्दों को सुने और उन्हें हल करने की कोशिश करे। उन्होंने कहा, रिमोट कंट्रोल एक टीवी चला सकता है, लेकिन मुख्यमंत्री को नहीं। वर्तमान मुख्यमंत्री नागपुर और दिल्ली की बात सुनते हैं। अगर असम को फिर से इस तरह का मुख्यमंत्री मिलता है, तो इससे लोगों को कोई फायदा नहीं होगा। युवाओं को एक ऐसे मुख्यमंत्री की जरूरत है, जो उन्हें नौकरी दे। प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और उनके करीबी व्यापारियों पर कटाक्ष करते हुए गांधी ने कहा, मैंने असम के लिए एक नया नारा तैयार किया है - हम दो, हमारे दो; असम के लिये हमारे और दो, और सबकुछ लूट लो। ” उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में प्राकृतिक संसाधनों और पीएसयू को देश के दो बड़े व्यवसायियों को ‘‘बेचा’’ जा रहा है। गांधी ने मोदी सरकार पर कोविड-19 महामारी के दौरान सार्वजनिक धन की ‘‘लूट’’ करने और ‘‘दो बड़े व्यवसायी दोस्तों’’ के ऋण माफ करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के नेतृत्व में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने असम में हिंसा समाप्त कर शांति लाई थी। 

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