राजस्थान की कांग्रेस सरकार बड़े पैमाने पर राजनीतिक नियुक्तियों की तैयारी में जुटी

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[email protected] । Sep 22 2019 11:35AM

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह प्रक्रिया अगले महीने विधानसभा की दो सीटों पर उपचुनाव से पहले पूरा किए जाने की उम्मीद है। राज्य की खींवसर व मंडावा विधानसभा सीट के लिए 21 अक्तूबर को उपचुनाव होना है।

जयपुर। राजस्थान की कांग्रेस सरकार राज्य में बड़े पैमाने पर राजनीतिक नियुक्तियों की तैयारी में जुट गयी है। नियुक्तियों की यह प्रक्रिया अगले महीने राज्य की दो विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले पूरा कर लिए जाने की संभावना है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने राजनीतिक नियुक्तियों की प्रक्रिया कीपुष्टि करते हुए कहा कि विभिन्न पदों पर नियुक्तियों के लिए 15 अक्तूबर तक प्रभारी मंत्रियों से नाम लिए जाएंगे। पांडे के साथ साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, नियुक्तियों की सूची को अंतिम रूप देंगे। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की मुहर लगने के बाद ये नियुक्तियां की जाएंगी।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह प्रक्रिया अगले महीने विधानसभा की दो सीटों पर उपचुनाव से पहले पूरा किए जाने की उम्मीद है। राज्य की खींवसर व मंडावा विधानसभा सीट के लिए 21 अक्तूबर को उपचुनाव होना है। इसके बाद नवंबर में राज्य की 52 नगरपालिकाओं के 2455 वार्डों के लिए चुनाव होना है। 

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उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार राजस्थान लोक सेवा आयोग, राज्य महिला आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, किसान आयोग, अनुसूचित जनजाति आयोग, राजस्थान सफाई कर्मचारी आयोग, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग, समाज कल्याण बोर्ड, राज्य क्रीड़ा परिषद, समाज कल्याण बोर्ड तथा जन अभाव अभियोग निराकरण समिति जैसे दर्जनों ऐसे संगठन हैं जहां इस तरह की राजनीतिक नियुक्तियां करती हैं। एक अनुमान के अनुसार हर जिले में ऐसे तीन दर्जन संगठनों, समितियों तथा बोर्डों में सैंकड़ों नियुक्तियां होती हैं। यानी राज्य के 33 जिलों में हजारों की संख्या में राजनीतिक नियुक्तियां की जानी हैं। इस प्रक्रिया के अंतर्गत चुने जाने वालों को कैबिनेट तथा राज्य मंत्री का दर्जा दिया जाता है। 

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उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि राज्य की अशोक गहलोत सरकार सियासी नियुक्तियां करेगी लेकिन यह मामला टलता गया। अब स्थानीय निकाय चुनावों की सरगर्मियां शुरू होने के बाद यह मामला फिर चर्चा में आ गया है।  राजनीतिक टीकाकारों के अनुसार सियासी नियुक्तियां कर पार्टी अपने कार्यकर्ताओं में एक नया जोश भर सकती है। राज्य में नगर निकाय चुनाव के बाद अगले साल के शुरू में पंचायतों के चुनाव भी होने हैं।

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