Ram Navami in Ayodhya| रामलला का तिलक करेंगी सूर्य की किरणें, गर्भगृह में पहली बार दिखेगा भव्य नजारा
दर्पण से 90 डिग्री पर परावर्तित होकर किरणें पीतल के पाइप में जाएंगी, जिसके छोर पर एक और दर्पण है। इस दर्पण से भी सूर्य की किरणें फिर से 90 डिग्री पर मुड़ेंगी। इसके बाद ये किरणें नीचे की तरफ जाएंगी। इस दौरान किरणों तीन लैंसों से होकर गुजरेंगी, जिससे इनकी गति तेज होगी।
नवरात्र शुरु हो चुके है, जिसके साथ ही देश भर में भक्तों का इंतजार राम नवमी को लेकर काफी अधिक बढ़ गया है। इस वर्ष की रामनवमी देश भर के भक्तों के लिए काफी खास होने वाली है क्योंकि 22 जनवरी को अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद ये पहला मौका होगा जब राम नवमी आ रही है।
इस राम नवमी को शानदार और भव्य तरीके से मनाने के लिए राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट तैयारियां भी जोरशोर करना जारी किया हुआ है। राम नवमी को ही राम जन्मोत्सव मनाया जाएगा। ये दिन हर राम भक्त के लिए बेहद खास होने वाला है क्योंकि इस दिन ही रामलला का सूर्य तिलक होगा। ये मौका वर्षों बाद आया है, जो अपने आप में काफी खास है। इस बार गर्भगृह तक सूर्य की किरणें कुछ इस तरह से आएंगी कि रामलला के मस्तक पर पांच से छह मिनट तक वो सूर्य तिलक कर सकें। सूर्य की रोशनी इस तरह रामलला पर पड़ेंगी कि ये आभास होगा कि रामलला को सूर्य तिलक लगाया गया है।
इस प्रक्रिया के लिए ली गई आईआईटी की मदद
रामलला को इस बार राम मंदिर के गर्भगृह में सूर्य का तिलक किया जाएगा। सूर्य तिलक की ये प्रक्रिया बेहद खास है क्योंकि इसके लिए वैज्ञानिकों की मदद भी ली जा रही है। इसके लिए आईआईटी रुड़की की एक रिसर्च टीम काम में लगी है। आईआईटी सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ने विशेष रूप से ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम तैयार किया है। बता दें कि इस प्रोजेक्ट के लिए इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स बेंगलोर का सहयोग भी लिया गया है। इसमें लेंस और शीशे लगाए गए है, जिससे सूर्य की किरणें इस तरह पड़ें की सीधा रामलला के मस्तक पर तिलक करें। ये नजारा बेहद अद्भुत होगा जिसे देखने के लिए पूरा देश और राम भक्त आतुर है।
बता दें कि मंदिर के तीसरे तल पर एक दर्पण लगा है, जिसपर दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें सीधे तौर पर पड़ेंगी। दर्पण से 90 डिग्री पर परावर्तित होकर किरणें पीतल के पाइप में जाएंगी, जिसके छोर पर एक और दर्पण है। इस दर्पण से भी सूर्य की किरणें फिर से 90 डिग्री पर मुड़ेंगी।
इसके बाद ये किरणें नीचे की तरफ जाएंगी। इस दौरान किरणों तीन लैंसों से होकर गुजरेंगी, जिससे इनकी गति तेज होगी। पाईप से दूसरे छोर पर भी दर्पण लगाया गया है, जिससे ये 90 डिग्री पर मुड़ेंगी। इसके बाद ये किरणें सीधे रामलला के मस्तक पर पड़ेंगी। इस तरह से रामलला के मस्तक पर सूर्य तिलक की प्रक्रिया पूरी होगी।
बता दें कि ये सूर्य की किरणें इस तरह बनेंगी की रामलला के मस्तक पर तिलक 75एमएम का होगा। ये किरणें रामलला के मस्तक पर दोपहर के 12 बजे पड़ेंगी। ये किरणें लगभग पांच मिनट तक रामलला के मस्तक पर होंगी, जिससे रामलला का मुख प्रकाशिमान होगा। बता दें कि इस खास पल का प्रसारण करने के लिए 100 से अधिक एलईडी स्क्रीनें लगाई गई है।
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