हिंसा छोड़ें तो माओवादियों से वार्ता को तैयारः राजनाथ

लखनऊ। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज दावा किया कि माओवादी समस्या से निपटने के मामले में पिछले पंद्रह-सोलह साल में सबसे अच्छी स्थिति इसी समय है और नक्सल समस्या से निपटने में सरकार को कामयाबी मिल रही है। साथ ही दोहराया कि माओवादी यदि हिंसा छोडें तो केन्द्र वार्ता को तैयार है। राजनाथ सिंह ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से अलग से कहा, ‘‘जहां तक माओवाद के मोर्चे पर कामयाबी की बात है, 15-16 वर्षों में सबसे अच्छी स्थिति इसी समय है। कोई सारे आंकड़े उठाकर देख सकता है।’’
केन्द्रीय गृह मंत्री से सवाल किया गया कि केन्द्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बने दो साल होने को आ रहे हैं और अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ में सात जवानों की नक्सलियों ने हत्या कर दी, ऐसे में केन्द्र सरकार क्या माओवादियों से बात करेगी क्योंकि आप (राजनाथ) पहले भी कह चुके हैं कि नक्सल समस्या पर बात होगी। इस पर राजनाथ ने जवाब दिया, ‘‘मैंने यह नहीं कहा था कि हम बात करेंगे। मैंने कहा था कि यदि कोई बात करना चाहता है तो हम तैयार हैं लेकिन उसे हिंसा का रास्ता और हथियार छोडना होगा तभी बात करेंगे। नक्सल समस्या से निपटने में सरकार को कामयाबी मिल रही है और आगे भी मिलेगी। हम माओवादी हिंसा को नियंत्रित कर रहे हैं।’’ जब इस ओर ध्यान दिलाया गया कि सभी राजनीतिक दल दलितों को अपनी तरफ खींचने में लगे हैं तो क्या केन्द्र ‘पदोन्नति में आरक्षण’ लागू करेगा, तो वह बोले, ‘‘भाजपा जाति, पंथ और मजहब के आधार पर राजनीति नहीं करती बल्कि सभी वर्गों के लोगों को साथ लेकर सबके विकास और सशक्त भारत के निर्माण के लिए काम करती है।’’
यह पूछने पर कि जम्मू कश्मीर में सरकार गठन में विलंब क्यों हुआ और क्या इससे राजनीतिक अस्थिरता का संदेश नहीं जाता, गृह मंत्री ने कहा कि गठबंधन राजनीति की अपनी मजबूरी होती है। इसके संबंध में सहमति बनाने की आवश्यकता होती है। राजनाथ सिंह ने कहा कि वह पूरी तरह आश्वस्त हैं कि भाजपा और पीडीपी की गठबंधन सरकार जम्मू कश्मीर की जनता की अपेक्षाओं पर खरी उतरेगी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता भैया जी जोशी के इस बयान पर जब टिप्पणी मांगी गयी कि भगवा ध्वज किसी राष्ट्रीय ध्वज से कम नहीं है, तो उन्होंने कहा कि वह हर बयान पर टिप्पणी करने के लिए नहीं बैठे हैं। बुंदेलखंड के आपदा प्रभावित किसानों की मदद के लिए केन्द्र की ओर से सहयोग नहीं किये जाने के आरोपों पर राजनाथ ने कहा कि हर सरकार को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए। जिस प्रकार के सहयोग की आवश्यकता होगी, किया जाएगा। पहले भी किया है। केन्द्र सरकार ने केन्द्रीय करों में राज्यों को मिलने वाली राशि को 32 से बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया है जो अपने आप में ऐतिहासिक कदम है। ‘‘सहयोग नहीं करने का आरोप निराधार है।’’
इससे पहले प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में राजनाथ ने कहा कि सरकार किसानों की बेहतरी के लिए काम कर रही है और हमारी कोशिश है कि किसानों की आमदनी दोगुनी हो।
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