त्रयंबकेश्वर मंदिर गर्भगृह में पुरूषों के प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हटा
नासिक। त्रयंबकेश्वर मंदिर के अधिकारियों ने तीन अप्रैल के अपने उस प्रस्ताव को रद्द कर दिया है जिसमें उन्होंने यहां प्रसिद्ध शिव मंदिर में मुख्य पूजा स्थल पर पुरूषों के भी प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया था। त्रयंबकेश्वर नगर परिषद के मुख्य अधिकारी और न्यासियों में शामिल निवरत्ती नागारे ने आज बताया कि त्रयंबकेश्वर देवस्थान ट्रस्ट की रविवार को यहां आयोजित बैठक के दौरान गर्भगृह में पुरूषों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के पूर्व के प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया।
न्यासियों की बैठक की अध्यक्षता करने वाले नागारे ने बताया कि ट्रस्ट ने स्थानीय नागरिकों के दबाव के मद्देनजर तीन अप्रैल के अपने आदेश को वापस ले लिया। उन्होंने कहा कि बैठक में मुख्य स्थल में महिलाओं के प्रवेश पर सदियों पुराने प्रतिबंध पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। बंबई उच्च न्यायालय ने अपने हालिया आदेश में कहा था कि प्रार्थना स्थलों पर जाना महिलाओं का मौलिक अधिकार है। इसके बावजूद मंदिर के न्यासी इस मामले में अदालत से आगे के दिशा निर्देश प्राप्त करने को लेकर सर्वसम्मत थे।
पुरानी परंपरा को जारी रखते हुए पुरूष श्रद्धालुओं को मुख्य स्थल में सुबह छह से सात बजे के बीच जाने की आज अनुमति दी गई। इस मुख्य स्थल में मुख्य ‘लिंग’ स्थापित है जहां पुरूष रेशम का वस्त्र सोवाला पहन कर ही प्रवेश कर सकते हैं। महिलाएं मुख्य स्थल के बाहर से ‘दर्शन’ कर सकती हैं। त्रयंबकेश्वर मंदिर ट्रस्ट के एक सदस्य के अनुसार गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध वर्षों पुरानी परंपरा है और इसे हाल में लागू नहीं किया गया है। यह प्रतिबंध पेशवा काल से लागू है। मंदिर नगर के कुछ पुजारियों का कहना है कि अधिकतर महिला श्रद्धालु इस परंपरा का उल्लंघन संभवत: नहीं करना चाहती। उनका दावा है कि गर्भगृह में कुछ विकिरणें संकेंद्रित होती हैं जो महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए संभवत: नुकसानदेह हो सकती हैं। मंदिर के प्राधिकारियों ने मंदिर के गर्भगृह में पुरूषों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया था ताकि महिलाओं एवं पुरूषों के साथ ‘‘समान व्यवहार’’ सुनिश्चित किया जा सके।
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