अर्जुन सिंह के भाजपा छोड़ने के बाद पार्टी की बंगाल इकाई में दरार गहराती नजर आ रही है

Arjun Singh
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भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अनुपम हाजरा ने सोमवार को पार्टी में आत्मावलोकन की जरूरत बताई, जिस पर पार्टी के उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि विषय को थोड़ा या बिल्कुल नहीं जानने वाले नेताओं को शीर्ष नेतृत्व को ज्ञान देने के बजाय सड़कों पर उतरना चाहिए।

कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी के सांसद अर्जुन सिंह के तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में लौटने के एक दिन बाद भाजपा की पश्चिम बंगाल में दरार गहराती नजर आ रही है। दरअसल, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अनुपम हाजरा ने सोमवार को पार्टी में आत्मावलोकन की जरूरत बताई, जिस पर पार्टी के उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि विषय को थोड़ा या बिल्कुल नहीं जानने वाले नेताओं को शीर्ष नेतृत्व को ज्ञान देने के बजाय सड़कों पर उतरना चाहिए। हाजरा ने सिंह के भाजपा छोड़ने का जिक्र करते हुए कहा कि पार्टी को ‘सब कुछ ठीक है’ जताने की बजाय गड़बड़ियों को दूर करना चाहिए। हाजरा ने ट्वीट किया, ‘‘अगर कोई व्यक्ति पार्टी छोड़ता है, और आप यह कहते हैं कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा, तो यह रवैया ठीक नहीं है। हमें यह स्वीकार करना पड़ेगा कि इसका प्रभाव पड़ेगा। हमें यह आत्मावलोकन करना चाहिये कि लोग (भाजपा) क्यों छोड़ रहे हैं?’’

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हाजरा 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले टीएमसी छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए थे। उल्लेखनीय है कि बंगाल में विपक्षी भाजपा को एक और झटका देते हुए सिंह रविवार को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में फिर से शामिल हो गए और इसे अपनी ‘घर वापसी’ करार दिया। हाजरा ने कहा कि ऐसे समय में जब पार्टी को नगर निगम का चुनाव जीतने में कठिनाई हो रही है, तब एक बड़े पद पर बैठा व्यक्ति पार्टी छोड़ता है तो वस्तुत: उसका प्रतिकूल प्रभाव होगा। हाजरा ने बाद में एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा, ‘‘हमें वास्तविकता को स्वीकार करना चाहिये। इसकी अनदेखी करने से किसी भी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी। ‘सब कुछ ठीक है’ वाला रवैया ठीक नहीं है। हाजरा के बयान पर घोष ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा की प्रदेश इकाई की आलोचना करने वालों को पहले आत्मावलोकन करना चाहिए और यह पता करना चाहिए कि उन्होंने पार्टी के लिए क्या किया है।

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घोष ने कहा, ‘‘मैं उनसे कहूंगा कि उपदेश देने के बजाय, वे पहले इस बारे में आत्मावलोकन करें कि उन्होंने पार्टी के लिए क्या किया है और पार्टी ने उनके लिए क्या किया है। पिछले एक साल में वह कितने आंदोलन का हिस्सा रहे हैं। जो लोग वातानुकूलित (एसी) कमरों की राजनीति करने में रूचि रखते हैं उन्हें दूसरों को ज्ञान नहीं देना चाहिए। ’’ पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई ने अंदरूनी कलह के बीच, खुद को एकजुट रखने पर चर्चा करने और असंतुष्ट नेताओं की शिकायतों को दूर करने के लिए सोमवार को एक बैठक में गहन मंथन किया। न्यूटाउन के एक होटल में बंद कमरे में हुई बैठक में भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख सुकांत मजूमदार, पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी, पार्टी के सह-प्रभारी (पश्चिम बंगाल) अमित मालवीय और अन्य वरिष्ठ नेता शरीक हुए।

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भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘‘बैठक के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई। हमारी बैरकपुर इकाई के वरिष्ठ नेता भी उपस्थित थे। जिन मुद्दों पर चर्चा हुई, उनमें नेताओं के पार्टी छोड़ कर जाने और इन खाली जगहों को भरना शामिल हैं। ’’ राज्य विधानसभा चुनाव में मिली हार के साल में भाजपा पार्टी की अंदरूनी कलह से निपटने के लिए संघर्ष कर रही है। भाजपा नेता ने कहा, ‘‘यदि कोई वास्तविक शिकायत है तो हम उसे दूर करेंगे। लेकिन यदि किसी ने पार्टी छोड़ने का मन बना ही लिया है तो हम कुछ नहीं कर सकते।’’ भाजपा सूत्रों के मुताबिक अधिकारी को बैरकपुर जिला संगठन की जिम्मेदारी दी गई है और वह 25 मई को एक बैठक करेंगे। अर्जुन सिंह, पिछले आम चुनाव में बैरकपुर से भाजपा के टिकट पर निर्वाचित हुए थे। प्रदेश भाजपा सूत्रों के मुताबिक, राज्य भाजपा नेतृत्व को आशंका है कि उनके बेटे पवन सिंह, जो भाटपारा से भाजपा विधायक हैं, भविष्य में तृणमूल कांग्रेस में जा सकते है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘‘यह स्वाभाविक है कि पवन सिंह पार्टी छोड़ सकते हैं क्योंकि उनके पिता पार्टी छोड़ चुके हैं। कुछ अवसरवादी नेता हमें छोड़ कर जा रहे हैं।’’ अर्जुन सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत में भाजपा पर प्रहार किया और कहा कि उसे अपनी अव्यावहारिक राजनीति बंद करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि उनके बेटे जल्द ही उनके नक्शेकदम पर चलेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा फेसबुक और सोशल मीडिया तक सीमित है। ’’ पिछले साल से भाजपा के कई नेता टीएमसी में शामिल हो चुके हैं, जिनमें पूर्व सांसद बाबुल सुप्रियो और मुकुल रॉय भी हैं।

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