Rotomac Scam: कोठारी के बंगले पर पुलिस एवं मीडिया का जमावड़ा
''लिखते लिखते लव हो जाये'' विज्ञापन रोटोमैक कंपनी की पहचान थी। लेकिन आज इसके मालिक विक्रम कोठारी के बंगले पर भारी पुलिस बल और मीडिया का जमावड़ा है।
कानपुर। 'लिखते लिखते लव हो जाये' विज्ञापन रोटोमैक कंपनी की पहचान थी। लेकिन आज इसके मालिक विक्रम कोठारी के बंगले पर भारी पुलिस बल और मीडिया का जमावड़ा है। कानपुर के पाश तिलकनगर इलाके में 4000 गज से अधिक क्षेत्र में बने रसूखदार कारोबारी विक्रम कोठरी के बंगले 'संतुष्टि' में सन्नाटा पसरा हुआ है। बंगले के दरवाजे बंद हैं लेकिन झरोखों से शानदार लान और कई बड़ी गाड़ियां खड़ी नजर आती हैं। कभी कभार सीबीआई की एकाध गाड़ी तेजी से बाहर निकलती है और दरवाजे फिर बंद हो जाते हैं।इस वक्त कोठारी बैंक ऋण में हेराफेरी के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
विक्रम कोठारी के पड़ोसी और शहर के सिविल डिफेंस के मुख्य वार्डेन राजेंद्र कुमार सफ्फड़ ने बताया कि विक्रम और उनके भाई दीपक के पिता मनसुख भाई कोठारी ने पान मसाले के साम्राज्य की नींव 1973 में डाली थी। इससे करीब 10 साल पहले मनसुख भाई गुजरात से आये थे और शहर के व्यापारियों के इलाके नयागंज में रहते थे। वह एक झोले में नारियल का तेल लेकर दुकानों पर बेचते थे।बाद में उन्होंने पान मसाले का काम शुरू किया। उन्होंने पाउच में पान मसाला बेचना शुरू किया। उससे पहले डिब्बे और पैकेट में पान मसाला मिलता था।देश के जाने-पहचाने नाम में से एक कोठारी समूह के उत्पाद ‘पान पराग’ की वजह से ही कानपुर को ‘पान मसाला सिटी’ का तमगा मिला था।
कोठारी समूह ने पान पराग अगस्त 1973 में बाजार में बाजार उतारा था। जल्दी ही यह उत्पाद काफी चर्चित हो गया। शम्मी कपूर और अशोक कुमार का डायलाग ‘‘बारातियों का स्वागत पान पराग से कीजिएगा’’ भी काफी चर्चित हुआ था।।अस्सी के दशक तक इस ब्रांड ने पान मसाले की दुनिया पर राज किया।सफ्फड़ के अनुसार आगे चलकर मनसुखभाई के दो बेटे विक्रम कोठारी और दीपक कोठारी भी कारोबार की दुनिया में उतरे। इसके बाद कोठारी समूह ने 1992 में रोटोमैक पेन कंपनी बनाई तथा 1995 में यस मिनरल वाटर लांच किया। सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन 1999 के आसपास दोनों भाइयों की राहें अलग हो गयीं। बड़े भाई विक्रम कोठारी ने स्टेशनरी का कारोबार संभाला जबकि छोटे भाई दीपक कोठारी ने पान मसाला का कारोबार संभाला।रोटोमैक पेन के जरिए बाजार में ‘पेन किंग’ का तमगा पाने वाले विक्रम कोठारी 'रोटोमैक ग्लोबल' के सीएमडी हैं। विक्रम कोठारी ने ही साल 1992 में रोटोमैक ब्रांड शुरू किया था।सामाजिक कार्यों में अहम योगदान के कारण लायन्स क्लब ने उन्हें वर्ष 1983 में गुडविल एंबेसडर तथा बाद में लायंस क्लब का इंटरनेशनल निदेशक बनाया था।
कभी सलमान खान और रवीना टंडन जैसे सितारे रोटोमैक कंपनी के ब्रांड एंबेसडर थे।विक्रम के कारोबारी साम्राज्य में रोटोमैक एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, कोठारी फूड्स एंड फ्रैगरेंसेज, क्राउन एल्बा राइटिंग इंस्ट्रूमेंट्स, मोहन स्टील्स लिमिटेड, आरएफएल इंफ्रास्ट्रक्टरर्स प्राइवेट लिमिटेड, रेव इंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड तथा कानपुर और लखनऊ में रियल इस्टेट कारोबार शामिल हैं।
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