दिल्ली में करारी हार के बाद भाजपा में बैठकों का दौर, भविष्य की रणनीति पर विचार

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[email protected] । Feb 15 2020 9:02AM

बैठक में शामिल एक नेता ने कहा, शीर्ष नेताओं ने चुनाव प्रचार के दौरान शाहीन बाग में सीएए विरोधी प्रदर्शन के मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाया, लेकिन कुछ नेताओं के बयान और उनका व्यवहार जैसे कि अरविंद केजरीवाल को आतंकवादी कहना और गद्दारों को गोली मारो जैसे नारे लोगों को पसंद नहीं आए।

नयी दिल्ली। भाजपा की दिल्ली इकाई ने हालिया विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार की समीक्षा के लिये शुक्रवार को सिलसिलेवार बैठकें कीं। पार्टी नेताओं ने यह जानकारी दी। बैठक में चुनाव के दौरान संगठनात्मक कमजोरियों और प्रचार में कमियों को हार का कारण बताया गया। बैठकों में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी, राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह, अनिल जैन और दिल्ली इकाई के संगठन सचिव सिद्धार्थन समेत कई अन्य ने शिरकतकी। सूत्रों ने बताया कि बैठकों के दौरान मिली शुरुआती जानकारियों के अनुसार भाजपा आम आदमी पार्टी सरकार की मुफ्त की योजनाओं और शाहीन बाग में सीएए विरोधी प्रदर्शन के मुद्दों को सही ढंग से संभाल नहीं पाई। बैठक में शामिल एक नेता ने कहा, शीर्ष नेताओं ने चुनाव प्रचार के दौरान शाहीन बाग में सीएए विरोधी प्रदर्शन के मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाया, लेकिन कुछ नेताओं के बयान और उनका व्यवहार जैसे कि अरविंद केजरीवाल को आतंकवादी कहना और गद्दारों को गोली मारो जैसे नारे लोगों को पसंद नहीं आए। बैठकों में यह भाव उजागर किया गया। 

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इससे पहले केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा दिये गए गोली मारो, भारत-पाकिस्तान मैच जैसे बयानोंको गलत ठहराते हुए बृहस्पतिवार को कहा था कि हो सकता है कि उन बयानों से पार्टी को नुकसान हुआ हो। कुछ नेताओं ने यह भी कहा कि भाजपा आम आदमी पार्टी के मुफ्त बिजली, पानी और महिलाओं को बसों में मुफ्त सफर कराने जैसे मुद्दों का तोड़ नहीं निकाल पाई। उन्होंने कहा,  पार्टी नेताओं ने इन बैठकों के दौरान कई मुद्दे उठाए। इनमें संगठनात्मक कमजोरियां और चुनाव अभियान से संबंधित कमियों की ओर भी इशारा किया गया। पार्टी नेताओं ने कहा कि बैठक में जमीनी कार्यकर्ताओं की कमी, उम्मीदवारों का चयन, स्टार प्रचारकों की भीड़ और अन्य मुद्दे भी उठाए गए। सूत्रों ने बताया कि यह भी कहा गया कि उम्मीदवारों की घोषणा में देरी हुई और उन्हें प्रचार के लिये कम समय मिला। स्टार प्रचारकों की सभाओं के चलते उम्मीदवारों को घर-घर जाकर प्रचार करने का भी मौका नहीं मिला।

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गौरतलब है कि अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केन्द्रीय, मंत्रियों, पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, दर्जनों सांसदों, पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारियों समेत अन्य नेताओं ने चुनाव से संबंधित 6,500 से अधिक कार्यक्रम किये। समीक्षा बैठकें शनिवार को भी जारी रहेंगी। इसमें विधानसभा चुनाव के उम्मीदवार, निगम पार्षद और केन्द्रीय प्रभारी अपने बात रखेंगे। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि समीक्षा की कवायद पूरी होने में 3-4 दिन लगेंगे, जिसके बाद राष्ट्रीय नेतृत्व को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। इससे पहले बृहस्पतिवार को मनोज तिवारी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और महासचिव (संगठन) बी एल संतोष नेयहां पार्टी मुख्यालय में दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों पर दो घंटे से भी ज्यादा समय तक चर्चा की थी। दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं भाजपा के खाते में केवल आठ सीटें आईं। आम आदमी पार्टी से पहले दिल्ली में 15 साल तक शासन करने वाली कांग्रेस इन चुनावों में एक भी सीट हासिल करने में नाकाम रही। 

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