RSS March In Karnataka | मल्लिकार्जुन खड़गे के गढ़ में RSS का पथ संचलन, कर्नाटक में कांग्रेस को नई चुनौती

RSS March In Karnataka
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रेनू तिवारी । Oct 30 2025 1:16PM

कर्नाटक के यादगिरी में मल्लिकार्जुन खड़गे के गृह क्षेत्र गुरमितकल में आरएसएस को शताब्दी समारोह के लिए सशर्त पथ संचलन की अनुमति मिली है। यह अनुमति कड़ी शर्तों के साथ दी गई है, जिसमें भड़काऊ नारे और हथियार ले जाने पर प्रतिबंध शामिल है, जो स्थानीय राजनीति में तनाव को दर्शाता है। कांग्रेस नेता प्रियंक खड़गे ने हाल ही में आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।

कर्नाटक के यादगिरी ज़िला प्रशासन ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पूर्व विधानसभा क्षेत्र गुरमितकल में आरएसएस के पथ संचलन के लिए सशर्त अनुमति दे दी है। 31 अक्टूबर को होने वाला यह संचलन सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़ी शर्तों के साथ होगा। अधिकारियों के अनुसार, इस आयोजन पर दस शर्तें लगाई गई हैं, जिनमें भड़काऊ नारे लगाने, हथियार ले जाने और सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने पर प्रतिबंध शामिल है। यह संचलन नरेंद्र राठौड़ लेआउट से शुरू होकर सम्राट सर्कल, बसवेश्वर सर्कल, हनुमान मंदिर और कुंभारवाड़ी जैसे प्रमुख स्थानों से होकर गुज़रेगा।

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आरएसएस को मल्लिकार्जुन खड़गे के गृह क्षेत्र में शताब्दी समारोह के लिए मार्च निकालने की अनुमति मिली

गौरतलब है कि गुरमितकल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का गढ़ और गृह क्षेत्र है। खड़गे इससे पहले आठ बार इस सीट से विधायक रह चुके हैं। आरएसएस के जिला प्रचार प्रमुख बसप्पा संजानोल ने 23 अक्टूबर को एक आवेदन के माध्यम से मार्च की अनुमति मांगी थी। पुलिस ने जुलूस को सम्राट सर्कल, एपीएमसी सर्कल, हनुमान मंदिर, मराठावाड़ी, पुलिस स्टेशन रोड, मिलन चौक और सिहिनीरू बावी मार्केट मेन रोड से होते हुए राम नगर में समाप्त होने की अनुमति दे दी है। साथ ही चेतावनी दी गई है कि अगर किसी भी नियम का उल्लंघन किया गया, तो आयोजकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आखिरकार इस आयोजन की अनुमति मिलने से पहले आरएसएस को कई बाधाओं का सामना करना पड़ा।

 

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प्रियांक खड़गे ने आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की

इस बीच, कर्नाटक के मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने हाल ही में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के साथ-साथ सार्वजनिक स्थानों पर आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा, "आरएसएस नामक एक संगठन सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के साथ-साथ सार्वजनिक मैदानों में अपनी शाखाएँ चला रहा है, जहाँ नारे लगाए जाते हैं और बच्चों और युवाओं के मन में नकारात्मक विचार भरे जाते हैं।"

अधिकारियों द्वारा आरएसएस के मार्च के लिए निर्धारित शर्तें

आयोजक सार्वजनिक या निजी संपत्ति को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के लिए ज़िम्मेदार हैं और उन्हें किसी भी नुकसान की पूरी लागत वहन करनी होगी।

आरएसएस के स्वयंसेवकों को बिना किसी बदलाव के निर्धारित मार्ग का पालन करना होगा।

किसी भी जाति, समुदाय या धर्म को ठेस पहुँचाने वाले नारे या बयानों की अनुमति नहीं है।

सार्वजनिक शांति या सांप्रदायिक सद्भाव को भंग करने वाली गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध है।

जुलूस के दौरान सड़कें अवरुद्ध नहीं की जानी चाहिए और दुकानों को जबरन बंद नहीं कराया जाना चाहिए।

हथियार, आग्नेयास्त्र या कोई भी हानिकारक वस्तु ले जाना सख्त वर्जित है।

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