RSS ने कभी संविधान को स्वीकार नहीं किया... दत्तात्रेय होसबोले के किस बयान से नाराज हुई कांग्रेस

jairam ramesh
ANI
अंकित सिंह । Jun 27 2025 12:32PM

आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष शब्द अंबेडकर के मूल मसौदे का हिस्सा नहीं थे।

कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की आलोचना की, जिसने भारतीय संविधान की प्रस्तावना में समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष शब्दों को शामिल करने पर पुनर्विचार करने का आह्वान किया था। पार्टी ने आरोप लगाया कि आरएसएस ने बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान को कभी स्वीकार नहीं किया और उनकी मांग इसे नष्ट करने की साजिश का हिस्सा है। विपक्षी पार्टी ने यह भी कहा कि आरएसएस का सुझाव हमारे संविधान की आत्मा पर जानबूझकर किया गया हमला है।

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आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष शब्द अंबेडकर के मूल मसौदे का हिस्सा नहीं थे। उन्होंने कहा कि इन्हें आपातकाल के दौरान 1976 के बयालीसवें संशोधन के ज़रिए जोड़ा गया था, यह वह दौर था जब संसद, न्यायपालिका और मौलिक अधिकारों पर बहुत ज़्यादा पाबंदी लगाई गई थी। होसबोले ने कहा, “बाबा साहेब अंबेडकर ने जो प्रस्तावना बनाई थी, उसमें ये शब्द कभी नहीं थे। आपातकाल के दौरान न्यायपालिका कमज़ोर हो गई थी, तब ये शब्द जोड़े गए,” और इस पर सार्वजनिक बहस की मांग की कि क्या इन्हें रहना चाहिए।

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इसके जवाब में कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि आरएसएस ने अपनी स्थापना के समय से ही संविधान पर हमला किया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कभी भी संविधान को स्वीकार नहीं किया... उन्होंने इसकी आलोचना की कि यह 'मनुस्मृति से प्रेरित' नहीं है। भाजपा द्वारा 2024 के चुनाव अभियान का नारा '400 पार' था ताकि वे संविधान को बदल सकें... तत्कालीन भारत के मुख्य न्यायाधीश ने खुद 25 नवंबर, 2024 को एक प्रमुख आरएसएस पदाधिकारी द्वारा उठाए जा रहे मुद्दे पर एक फैसला सुनाया। क्या उनसे इसे पढ़ने का कष्ट करने का अनुरोध करना बहुत ज्यादा होगा? 

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