राम मंदिर पर SC के फैसले से पहले RSS की अपील, जो भी निर्णय आए, उसे खुले मन से करें स्वीकार

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अभिनय आकाश । Oct 30 2019 7:00PM

अयोध्या में राम मंदिर पर सुप्रीम के संभावित फैसले को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रचारक वर्ग की बैठक हुई। बैठक में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, भैय्याजी जोशी समेत आरएसएस के नेता मौजूद हैं। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार की तरफ से जारी सूचना में कहा गया है कि आगामी दिनों में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने की संभावना है। निर्णय जो भी आए, उसे सभी को खुले मन से स्वीकार करना चाहिए। निर्णय के पश्चात देश भर में वातावरण सौहार्द्रपूर्ण रहे, यह सबका दायित्व है। इसे भी पढ़ें: मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कहा, अयोध्या पर न्यायालय के फैसले का करेंगे सम्मान बता दें कि राम मंदिर मामले पर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच द्वारा रोजाना सुनवाई के बाद अब फैसला सुनाया जाना बाकी है। राम मंदिर पर पक्ष में फैसला आने की स्थिति में सांप्रदायिक तनाव बढ़ने की आशंका है। इसके मद्देनजर संघ ने रणनीति बनाई है। उन्होंने कहा कि फैसला आने के बाद सड़क पर उतर कर जश्न नहीं मनाएंगे। मंदिरों और घरों में पाठ करेंगे। जब अयोध्या की जमीन कानूनी रूप से मिल जाएगा तब देश भर में जश्न मनाया जाएगा। A meeting of RSS leaders, including Mohan Bhagwat and Bhaiyyaji Joshi, is underway in Delhi.

अयोध्या में राम मंदिर पर सुप्रीम के संभावित फैसले को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रचारक वर्ग की बैठक हुई। बैठक में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, भैय्याजी जोशी समेत आरएसएस के नेता मौजूद हैं। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार की तरफ से जारी सूचना में कहा गया है कि आगामी दिनों में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने की संभावना है। निर्णय जो भी आए, उसे सभी को खुले मन से स्वीकार करना चाहिए। निर्णय के पश्चात देश भर में वातावरण सौहार्द्रपूर्ण रहे, यह सबका दायित्व है। 

इसे भी पढ़ें: मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कहा, अयोध्या पर न्यायालय के फैसले का करेंगे सम्मान

बता दें कि राम मंदिर मामले पर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच द्वारा रोजाना सुनवाई के बाद अब फैसला सुनाया जाना बाकी है। राम मंदिर पर पक्ष में फैसला आने की स्थिति में सांप्रदायिक तनाव बढ़ने की आशंका है। इसके मद्देनजर संघ ने रणनीति बनाई है।  उन्होंने कहा कि फैसला आने के बाद सड़क पर उतर कर जश्न नहीं मनाएंगे।  मंदिरों और घरों में पाठ करेंगे। जब अयोध्या की जमीन कानूनी रूप से मिल जाएगा तब देश भर में जश्न मनाया जाएगा।

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