Delhi MCD Mayor Election: मेयर चुनाव को लेकर आज भी हंगामा, AAP-BJP के पार्षद सदन में कर रहे नारेबाजी

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ANI
अंकित सिंह । Jan 24 2023 11:59AM

भाजपा सांसद हंसराज हंस ने उम्मीद जताया है कि दिल्ली में मेयर भाजपा से ही होगा। आपको बता दें कि पिछले साल दिल्ली नगर निगम के चुनाव हुए थे। 15 सालों से सत्ता में काबिज भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। आम आदमी पार्टी के 134 पार्षद जीतने में कामयाब हुए थे।

दिल्ली में आज मेयर पद का चुनाव होना है। इसको लेकर मनोनीत पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह चल रहा है। हालांकि, सदन में आज भी जबरदस्त हंगामा देखने को मिल रहा है। आम आदमी पार्टी और भाजपा के पार्षद जबरदस्त तरीके से नारेबाजी कर रहे हैं। भाजपा पार्षदों ने सदन में ही जय श्रीराम के नारे भी लगाए हैं। हालांकि, हंगामे के बीच सभी सदस्यों को शपथ दिलाई जा रही है। मेयर पद के लिए आप की शैली ओबराय और भाजपा की रेखा गुप्ता आमने-सामने हैं। दूसरी ओर भाजपा सांसद हंसराज हंस ने उम्मीद जताया है कि दिल्ली में मेयर भाजपा से ही होगा। आपको बता दें कि पिछले साल दिल्ली नगर निगम के चुनाव हुए थे। 15 सालों से सत्ता में काबिज भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। आम आदमी पार्टी के 134 पार्षद जीतने में कामयाब हुए थे।

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मेयर चुनने के लिए दिल्ली नगर निगम की पहली बैठक 6 जनवरी को हुई थी। उस दिन भी सदन में जबरदस्त हंगामा देखने को मिला था। मनोनीत सदस्यों को शपथ दिलाने को लेकर हंगामा हुआ। आप पार्षद और भाजपा पार्षद एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। आप ने मनोनीत सदस्यों को पहले शपथ खिलाने का विरोध किया। दोनों दलों के बीच हाथापाई और धक्का-मुक्की की भी स्थिति आ गई। बाद में हंगामा बढ़ने की वजह से इसे स्थगित कर दिया गया। दिलचस्प बात यह भी है कि कांग्रेस पूरे खेल से गायब है। कांग्रेस ने पहले ही इस चुनाव में वोटिंग में हिस्सा नहीं लेने का फैसला कर चुकी है। वहीं, मेयर चुनाव के मद्देनजर नगरपालिका भवन और सिविक सेंटर परिसर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। 

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नवनिर्वाचित एमसीडी सदस्यों की पहली बैठक महापौर और उपमहापौर का चुनाव किए बगैर स्थगित हो गयी थी। ‘आप’ पार्षदों ने पहले 10 मनोनीत सदस्यों को शपथ दिलाने के पीठासीन अधिकारी के फैसले का विरोध किया। दिल्ली नगर निगम का गठन अप्रैल 1958 में हुआ था और उसके महापौर के पास 2012 तक प्रभावशाली शक्तियां थीं। वर्ष 2012 में निगम का तीन अलग-अलग नगर निगमों में विभाजन हुआ और प्रत्येक निगम का अपना महापौर बना, लेकिन 2022 में केंद्र ने उत्तर दिल्ली नगर निगम (104 वार्ड), दक्षिण दिल्ली नगर निगम (104 वार्ड) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (64 वार्ड) का विलय कर दिया गया। हालांकि इसमें वार्डों की संख्या 272 से घटाकर 250 कर दी गयी। महापौर के चुनाव के लिए दिल्ली के 250 पार्षद, सात लोकसभा तथा तीन राज्यसभा सांसद और विधानसभा द्वारा मनोनीत 14 विधायक मतदान करेंगे। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा के एक विधायक और ‘आप’ के 13 विधायकों को मतदान करने के लिए नामित किया है।

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