Ruskin Bond Birthday: बच्चों के चहेते लेखक हैं रस्किन बॉन्ड, आज मना रहे 91वां जन्मदिन

बाल साहित्यकार रस्किन बॉन्ड आज यानी की 19 मई को अपना 91वां जन्मदिन मना रहे हैं। वह चाहते हैं कि अपनी आखिरी समय तक बच्चों के लिए कहानियां लिखते रहें। उन्होंने 17 साल की उम्र में पहला उपन्यास लिखा था।
बच्चों की कल्पनाओं को रंगीन पंख देने वाले 'रस्टी' और 'अंकल केन' जैसे फेमस किरदारों को रचने वाले बाल साहित्यकार रस्किन बॉन्ड 19 मई को 91वां जन्मदिन मना रहे हैं। वह अपना जीवन बेहद साधारण तरीके से जीना पसंद करते हैं। उनकी रचनाओं को पद्मश्री और पद्मभूषण से नवाजे जा चुके हैं। इसके अलावा उनको प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी फेलोशिप से सम्मानित किया गया। वह चाहते हैं कि अपनी आखिरी समय तक बच्चों के लिए कहानियां लिखते रहें। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर रस्किन बॉन्ड के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और परिवार
हिमाचल प्रदेश के कसौली में 19 मई 1934 को रस्किन बॉन्ड का जन्म हुआ था। उनका बचपन जामनगर, शिमला, देहरादून में उनका बचपन गुजरा। वहीं महज 8 साल की उम्र में उनके पिता की मौत हो गई थी। जब रस्किन देहरादून में थे, तब उनकी मां ने दूसरी शादी की। शिमला के बिपश कॉटन स्कूल उन्होंने पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वह उच्च शिक्षा के लंदन चले गए। वहीं उन्होंने लेखन की शुरूआत कर दी। महज 17 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला उपन्यास 'रूम ऑन द रूफ' लिखा। इस उपन्यास के लिए रस्किन को प्रतिष्ठित जॉन लेवेनिन राइस अवॉर्ड से नवाजा गया। लेकिन उनका जब मन नहीं लगा, तो वह भारत वापस लौट आए और फिर यहां पर बस गए।
लेखन कार्य
रस्किन अब तक करीब 500 से अधिक उपन्यास, कहानियां, संस्मरण और कविताएं लिख चुके हैं। उनकी अधिकतर रचनाएं बच्चों पर आधारित हैं। बच्चों के लिए लिखी गई कहानियां में अंधेरे में एक चेहरा, एक नन्हा दोस्त, पतंगवाला, चालीस भाइयों की पहाड़ी, अल्लाह की बुद्धिमानी, बुद्धिमान काजी और झुकी हुई कमरवाला भिखारी आदि लोकप्रिय हैं। इन लोकप्रिय कहानियों के चलते वह बच्चों के बीच कहानी सुनाने वाले दादाजी के नाम से जाने जाते हैं।
बॉन्ड की कहानियों पर बनी कई फिल्में
बता दें कि उनकी कई कहानियां ऐसी हैं, जिन पर फिल्में बन चुकी हैं। उनके द्वारा लिखी कहानियों पर बनी हॉलीवुड फिल्मों में 'एंग्री रिवर' और 'फ्लाइट ऑफ पिजन्स' शामिल हैं। वहीं बॉलीवुड में शशि कपूर ने रस्किन की कहानी 'अ फ्लाइट ऑफ पिजन्स पर साल 1978 में फिल्म 'जुनून' बनाई थी। वहीं साल 2011 में रस्किन की कहानी 'ब्लू अंब्रेला' पर विशाल भारद्वाज ने 'सात खून माफ' फिल्म बनाई। जिसमें प्रियंका चोपड़ा ने मुख्य किरदार निभाया।
सम्मान
साल 1957 में रस्किन बॉन्ड को इंग्लैंड में जॉन लेवन राइस मेमोरियल पुरस्कार से नवाजा गया। वहीं साल 1992 में अंग्रेजी लेखन के लिए उनकी लघु कहानियों के संकलन 'आर ट्रीज स्किल ग्रो इन देहरा' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। फिर साल 1999 में पद्मश्री और 2014 में पद्मविभूषण से अलंकृत किया गया है। साल 2012 में दिल्ली सरकार द्वारा उनको लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
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