‘सामना’ के संपादकीय से कांग्रेस के बारे में गलत संदेश गया: थोराट
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Jun 16 2020 4:23PM
थोराट और उनके मंत्रिमंडल सहयोगी अशोक चह्वाण जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने कांग्रेस में असंतोष की बात की थी। खबरों के अनुसार चह्वाण ने कहा था कि कांग्रेस के नेताओं और मंत्रियों में यह भावना घर कर रही है कि सत्तारूढ़ गठजोड़ में साझेदार के तौर पर उसे उचित हिस्सेदारी नहीं मिल रही।
मुंबई। शिवसेना नीत महाराष्ट्र सरकार में शामिल कांग्रेस ने ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय में पार्टी की तुलना ‘‘पुरानी चरमराती खटिया’’ से किये जाने पर मंगलवार को कहा कि इससे कांग्रेस के बारे में गलत संदेश गया है। शिवसेना के मुखपत्र में प्रकाशित संपादकीय में लिखा गया है, ‘‘कांग्रेस पार्टी भी अच्छा काम कर रही है, लेकिन समय-समय पर पुरानी खटिया रह-रह कर कुरकुर की आवाज करती है। खटिया पुरानी है लेकिन इसकी एक ऐतिहासिक विरासत है। इस पुरानी खाट पर करवट बदलने वाले लोग भी बहुत हैं। इसलिए यह कुरकुर महसूस होने लगी है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अघाड़ी सरकार में ऐसी कुरकुराहट को सहन करने की तैयारी रखनी चाहिए।’’
ठाकरे के साथ कांग्रेस नेताओं की बैठक से पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी मुख्यमंत्री के साथ जनता से जुड़े मुद्दों पर बात करना चाहती है, ना कि अधिकारियों के तबादलों पर। उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री गठबंधन और सरकार के प्रमुख हैं। जब हमें सुना जाएगा तो उन्हें भी संतोष होगा। ‘सामना’ को एक और संपादकीय लिखना चाहिए। आज का लेख पूरी तरह अधूरी जानकारी पर आधारित है जो हमारे बारे में गलत संदेश देता है। हम महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के साथ हैं।’’ ‘सामना’ में विधान परिषद में आने वाले समय में राज्यपाल के कोटा के आधार पर होने वाले मनोनयन विधानसभा में प्रत्येक पार्टी के सदस्यों की संख्या के अनुपात में होने के सुझाव के बारे में पूछे जाने पर थोराट ने कहा कि मंत्रालयों का आवंटन इसी आधार पर किया गया था।वाचा दै.सामनाचा आजचा अग्रलेखhttps://t.co/kbtk8HXtOS
— Saamana (@Saamanaonline) June 16, 2020
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थोराट और उनके मंत्रिमंडल सहयोगी अशोक चह्वाण जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने कांग्रेस में असंतोष की बात की थी। खबरों के अनुसार चह्वाण ने कहा था कि कांग्रेस के नेताओं और मंत्रियों में यह भावना घर कर रही है कि सत्तारूढ़ गठजोड़ में साझेदार के तौर पर उसे उचित हिस्सेदारी नहीं मिल रही। राज्य विधान परिषद की कुल 12 सीटों के लिए कांग्रेस में नये सिरे से असंतोष उभर सकता है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि तीनों दलों-कांग्रेस, शिवसेना और राकांपा को चार-चार सीटें मिलें।
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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