शिअद अध्यक्ष ने बाढ़ के मुआवजे में कथित देरी को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री पर निशाना साधा

मुआवजे के नियम तोड़े जा रहे हैं, फसल नुकसान पर 20,000 रुपये प्रति एकड़ तय किए गए हैं, जबकि राजस्व कर्मचारियों द्वारा केवल 25-50 प्रतिशत दावा स्वीकार किए जाने से किसानों को 2,000-5,000 रुपये प्रति एकड़ ही मिलेंगे।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान पर आरोप लगाया कि उन्होंने पंजाब के बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए धन जारी करने में सरकार की विफलता को छिपाने के लिए राज्य विधानसभा की विशेष बैठक में ‘नाटक रचा’।
शिअद अध्यक्ष इस निर्वाचन क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे थे, जिसके दौरान उन्होंने 100 गांवों के लिए मक्के की 200 ट्रॉलियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
बादल ने यहां जारी एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री को पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र का उपयोग बाढ़ से क्षतिग्रस्त सभी फसलों को शामिल करने के लिए मुआवजे का दायरा बढ़ाने के लिए करना चाहिए था और यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि मुआवजा प्रति किसान पांच एकड़ तक सीमित न रहे और इसे बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रति एकड़ किया जाए।
बादल ने कहा, लेकिन उन्होंने दुष्प्रचार में शामिल होने के लिए करोड़ों रुपये बर्बाद करने का विकल्प चुना। उन्होंने कहा, केंद्र से पर्याप्त मुआवजे की मांग करना अच्छी बात है, लेकिन आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार को पहले अपने पास मौजूद 12,000 करोड़ रुपये की राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि बाढ़ प्रभावितों को वितरित करनी चाहिए और फिर केंद्र से अतिरिक्त धनराशि की मांग करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुआवजे के नियम तोड़े जा रहे हैं, फसल नुकसान पर 20,000 रुपये प्रति एकड़ तय किए गए हैं, जबकि राजस्व कर्मचारियों द्वारा केवल 25-50 प्रतिशत दावा स्वीकार किए जाने से किसानों को 2,000-5,000 रुपये प्रति एकड़ ही मिलेंगे।
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