सुरक्षाबलों का मानवाधिकार आतंकवादियों की तुलना में कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है

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[email protected] । Aug 23 2019 7:14PM

फिक्की और विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन की तरफ से आयोजित ‘फिक्की स्मार्ट पुलिसिंग अवार्ड्स 2019’ के अवसर पर प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री सिंह ने कहा कि देश अपने सुरक्षा बलों का ऋणी है।

नयी दिल्ली। आतंकवादियों की तुलना में सुरक्षा बलों का मानवाधिकार कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है और संदेह की स्थिति में लाभ सुरक्षा बलों को मिलना चाहिए। यह बात शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कही। फिक्की और विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन की तरफ से आयोजित ‘फिक्की स्मार्ट पुलिसिंग अवार्ड्स 2019’ के अवसर पर प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री सिंह ने कहा कि देश अपने सुरक्षा बलों का ऋणी है। पुलिसकर्मियों को पुरस्कार वितरित करने के बाद उन्होंने कहा कि किसी अपराधी या आतंकवादी की तुलना में सुरक्षा बलों का मानवाधिकार ज्यादा महत्वपूर्ण है।

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उन्होंने कहा कि जो राष्ट्र अपने सुरक्षा बलों की कुर्बानियों का सम्मान नहीं करते तो उनका अंत भी निकट होता है। सिंह ने कहा कि मोदी सरकार सुरक्षा बलों के साथ खड़ा होने और पुलिसिंग को ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है चाहे यह महिलाओं से जुड़े कानून का मसला हो या मादक पदार्थों की तस्करी का। आंतरिक सुरक्षा पर फिक्की की समिति के सलाहकार और पूर्व केंद्रीय गृह सचिव जी. के. पिल्लई ने कहा कि फौजदारी न्याय प्रणाली में बहु खामियां हैं और जांच के साथ ही अदालतों में सुनवाई के दौरान भी मामलों में ज्यादा वक्त लगता है।

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