राममंदिर निर्माण के लिए चाहिए सरदार पटेल जैसा मनोबल: निश्चलानंद सरस्वती

shankaracharya-swami-nischalananda-saraswati-speaks-on-ram-mandir
[email protected] । Oct 10 2019 1:12PM

पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनना ही चाहिए। इसके बाद मथुरा और काशी में भी प्रतिष्ठा होनी चाहिए।

मथुरा। पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल सरीखा मनोबल चाहिए, जो अब किसी में दिखाई नहीं देता। बुधवार को वृन्दावन के चैतन्य विहार स्थित हरिहर आश्रम में संवाददाताओं से शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि राम मंदिर मामले की सुनवाई में दिए जा रहे तर्कों से लगता है कि जैसे देश अभी भी आजाद नहीं हुआ है। शंकराचार्य ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनना ही चाहिए। इसके बाद मथुरा और काशी में भी प्रतिष्ठा होनी चाहिए। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सोमनाथ में भगवान सोमनाथ को प्रतिष्ठित किया। उस तरह का मनोबल अब भारत में नजर नहीं आता।

इसे भी पढ़ें: शिवसेना ने राम मंदिर बनाने की वकालत की, भाजपा से गठबंधन को लेकर कही यह बात

भगवान राम को काल्पनिक कहने के सवाल पर शंकराचार्य ने कहा कि अदालत में मामले की बुनियाद ही सही नहीं है। स्वतंत्र भारत में इस एक इंच भूमि पर भी किसी अन्य तत्व का अधिकार सिद्ध नहीं होता। राम की जन्मभूमि पर राम का मंदिर ही बनना चाहिए। क्या हिन्दुओं को रामलला की जन्मभूमि पर मंदिर बनाने का अधिकार नहीं है ? शंकराचार्य ने कहा कि अयोध्या में यथास्थान मंदिर बनाकर उसमें भगवान राम को प्रतिष्ठित करना चाहिए। जिन लोगों ने किसी भी काल में मंदिरों को ध्वस्त किया उन्हें पराक्रमी नहीं, बल्कि आतंकवादी माना जाना चाहिए। देश को संयुक्त राष्ट्र से इन्हें आतंकवादी घोषित करने की मांग करनी चाहिए। उन्होंने पुराणों को राम के जन्म का प्रमाण न मानने को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण एवं वेदनापूर्ण बताया।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़