सपा ने हमें गठबंधन का नहीं माना तो हम खुद ही अलग हो गये : शिवपाल

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने शुक्रवार को यहां कांग्रेस में जाने की बात को खारिज करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) ने हमें गठबंधन का नहीं माना तो हम खुद ही अलग हो गये। पत्रकारों ने यहां बातचीत में जब शिवपाल सिंह यादव से कांग्रेस में जाने की अटकलों के बाबत पूछा गया तो उन्होंने इसे फेंक न्यूज बताया।
इटावा (उप्र), 20 अगस्त। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने शुक्रवार को यहां कांग्रेस में जाने की बात को खारिज करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) ने हमें गठबंधन का नहीं माना तो हम खुद ही अलग हो गये। पत्रकारों ने यहां बातचीत में जब शिवपाल सिंह यादव से कांग्रेस में जाने की अटकलों के बाबत पूछा गया तो उन्होंने इसे फेंक न्यूज बताया। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव को विपक्ष को एकजुट करने की तैयारी के सवाल पर उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को अपनी कमियां दिखाई नहीं देती हैं, सपा अगर अपनी कमियों को दूर कर ले तो ये सब बातें नहीं होती, जो हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी बात करो तो हम विपक्ष को एक करने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर यादव ने कहा, ‘‘जब हमें ही गठबंधन का नहीं माना तो हम खुद ही अलग हो गये। अब अपनी पार्टी को मजबूत करने और इसे बढ़ाने में लगे हैं और इसलिए हमने पार्टी में युवाओं को जिम्मेदारी सौंपी है। शिवपाल यादव सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई हैं। चाचा-भतीजा के बीच 2016 में सपा की सरकार रहते ही अनबन शुरू हुई तो फिर दोनों के रास्ते जुदा जुदा हो गये।
शिवपाल ने 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले चाचा-भतीजा एक मंच पर आ गए। इसके बाद शिवपाल सपा के टिकट पर जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए। हालांकि चुनाव परिणाम आने के बाद ही एक बार फिर दोनों के बीच अनबन शुरू हो गई। राष्ट्रपति चुनाव में शिवपाल ने अखिलेश यादव की पसंद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का विरोध किया तो सपा ने भी उन्हें आजाद कर दिया। शिवपाल से पत्रकारों ने जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दुरुपयोग किए जाने के संदर्भ में सवाल किया तो उन्होंने दो टूक कहा कि छापा डालना और तफ्तीश करना ईडी का काम है, और जब शिकायत मिलेगी तो वह अपना करेगी ही। रही बात उसके दुरुपयोग करने की तो जब समीक्षा होगी तो सब सामने आ जाएगा।
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