Karnataka caste census: सर्वेक्षण रद्द किया जाए या नहीं? मंत्रियों की आपत्ति के बाद सिद्धारमैया ने की बैठक

मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री डीके सुकुमार और अन्य चुनिंदा मंत्री शामिल होंगे, और यह तय होगा कि सर्वेक्षण रद्द किया जाएगा या फिर से सर्वेक्षण कराया जाएगा। सरकार ने पहले घोषणा की थी कि यह सर्वेक्षण इस महीने की 22 तारीख से 7 अक्टूबर तक चलेगा, जिससे आज मुख्यमंत्री आवास पर होने वाली बैठक उत्सुकता का विषय बन गई है।
कर्नाटक में जाति जनगणना का भविष्य अधर में लटका हुआ है और आज इस पर फैसला आने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पुनः सर्वेक्षण होना चाहिए या नहीं, इस पर व्यापक असमंजस को दूर करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। यह बैठक कैबिनेट सत्र के बाद हुई है, जिसमें लिंगायत नेताओं सहित कुछ मंत्रियों ने सर्वेक्षण पर संदेह जताते हुए कड़ी आपत्ति जताई थी। इस बैठक में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री डीके सुकुमार और अन्य चुनिंदा मंत्री शामिल होंगे,और यह तय होगा कि सर्वेक्षण रद्द किया जाएगा या फिर से सर्वेक्षण कराया जाएगा। सरकार ने पहले घोषणा की थी कि यह सर्वेक्षण इस महीने की 22 तारीख से 7 अक्टूबर तक चलेगा, जिससे आज मुख्यमंत्री आवास पर होने वाली बैठक उत्सुकता का विषय बन गई है।
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कैबिनेट चर्चाओं के दौरान, कई मंत्रियों ने कथित तौर पर कुछ जातियों के "समस्याग्रस्त नामकरण" पर आपत्ति जताई, जिनमें 'कुरुबा ईसाई', 'ब्राह्मण ईसाई' और 'वोक्कालिगा ईसाई' जैसी दोहरी पहचान शामिल हैं। कुछ ने आगाह किया कि इन वर्गीकरणों का दुरुपयोग धर्मांतरण को बढ़ावा देने या अन्य ओबीसी समुदायों के आरक्षण में हिस्सेदारी को प्रभावित करने के लिए किया जा सकता है। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि हमने चर्चा की है कि कैसे कुछ लोग और भाजपा स्थिति का दुरुपयोग कर रहे हैं। पिछड़ा वर्ग आयोग ने कानून के दायरे में रहते हुए जनता की राय को ध्यान में रखते हुए एक सूची बनाई है। हम राय मांग रहे हैं। यह सर्वेक्षण सभी को न्याय दिलाने के लिए किया जा रहा है।
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कैबिनेट बैठक में कथित तौर पर वीरशैव-लिंगायत और वोक्कालिगा जैसे प्रभावशाली समुदायों की आपत्तियों पर चर्चा हुई, जिन्होंने खुद को हिंदू के बजाय एक अलग धर्म के रूप में पहचानने पर भ्रम या मतभेद व्यक्त किए हैं। कुछ मंत्रियों ने सुझाव दिया कि इन मुद्दों के स्पष्ट होने तक सर्वेक्षण स्थगित कर दिया जाए, जबकि अन्य ने चेतावनी दी कि देरी से गलत संकेत जा सकता है।
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