शतरंज का शौकीन नहीं था, धोखा खा गया, श्याम रजक का शायराना अंदाज में RJD से इस्तीफा

Shyam Rajak
ANI
अंकित सिंह । Aug 22 2024 5:28PM

रजक ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को अपना इस्तीफा एक्स पर भेजा। उन्होंने शायराना अंदाज में लिखा कि मैं शतरंज का शौकीन नहीं था, इसलिए धोखा खा गया, आप मोहरे चल रहे थे मैं रिश्ते निभा रहा था।

बिहार के पूर्व मंत्री और दलित नेता श्याम रजक ने गुरुवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) छोड़ दिया। माना जा रहा है कि वह एक बार फिर से नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में शामिल हो सकते हैं। 70 वर्षीय रजक ने कहा कि वह जेडी(यू) में शामिल होने की योजना के बारे में अगले सप्ताह बात करेंगे। रजक ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को अपना इस्तीफा एक्स पर भेजा। उन्होंने शायराना अंदाज में लिखा कि मैं शतरंज का शौकीन नहीं था, इसलिए धोखा खा गया, आप मोहरे चल रहे थे मैं रिश्ते निभा रहा था।

इसे भी पढ़ें: OMG! एक साल के बच्चे ने सांप को समझा खिलौना, चबा-चबाकर मार डाला, डॉक्टर भी रह गए हैरान

रजक ने आरजेडी छोड़ने का कारण नहीं बताया। माना जाता है कि वह आरजेडी में कोई बड़ा पद न मिलने और 2020 में विधानसभा चुनाव न लड़ पाने से नाराज थे। उनकी फुलवारी सीट (आरक्षित) आरजेडी की सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन को दे दी गई, जिसके गोपाल रविदास ने सीट जीत ली। रजक 2024 के राष्ट्रीय चुनाव में समस्तीपुर से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन यह सीट कांग्रेस को दे दी गई। 

एक आरजेडी नेता ने बताया कि 2025 के विधानसभा चुनाव में, रजक के फुलवारी से चुनाव लड़ने की संभावना नहीं थी, क्योंकि यह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के साथ है। यह उन कारकों में से एक है, जिसके कारण रजक ने पार्टी छोड़ने का फैसला किया हो सकता है। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब श्याम रजक जदयू में शामिल होंगे। इससे पहले भी वह जदयू में रह चुके हैं। श्याम रजक को कभी लालू प्रसाद यादव के बेहद ही भरोसेमंद नेता के तौर पर देखा जाता था।

इसे भी पढ़ें: Bharat Bandh Today UPDATES: प्रदर्शनकारियों ने दरभंगा रेलवे स्टेशन पर रोकी बिहार संपर्क क्रांति, जानें अन्य राज्यों में क्या असर

श्याम रजक ने अपनी राजनीति जेपी आंदोलन से शुरू की थी। पहली बार 1995 में विधायक चुने गए और लालू यादव के खास बन गए। वह लालू और राबड़ी की सरकार में मंत्री भी रहे हैं। 2009 में उन्होंने लालू यादव का साथ छोड़ा था और नीतीश कुमार की पार्टी में आ गए थे। 2010 में चुनाव जीतने के बाद में मंत्री बने। इसके बाद वह फिर से चुनाव जीते लेकिन महागठबंधन की सरकार में उन्हें मंत्री पद नहीं मिला। हालांकि 2020 में नीतीश कुमार के साथ श्याम रजक के रिश्तों में टकराव आ गया था। इसके बाद श्याम रजक को नीतीश कुमार की पार्टी से निकाल दिया गया। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़