शशिकला को सुविधाएं उपलब्ध कराने की जांच होगीः सिद्धारमैया

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अन्नाद्रमुक (अम्मा) नेता शशिकला को तरजीही सुविधाएं उपलब्ध कराने सहित केंद्रीय कारा से जुड़ी कथित अनियमितताओं को लेकर उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है।
बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अन्नाद्रमुक (अम्मा) नेता वीके शशिकला को तरजीही सुविधाएं उपलब्ध कराने सहित केंद्रीय कारा से जुड़ी कथित अनियमितताओं को लेकर उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। रायचूर जिले के दौरे पर गए सिद्धारमैया ने ट्वीट कर कहा, ‘‘हम लोगों ने बेंगलुरु केंद्रीय कारा में अनियमितताओं के आरोपों को गंभीरता से लिया है और उच्च-स्तरीय जांच की मांग की है।’’
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आप लोगों से जांच के निष्कर्ष तक प्रतीक्षा करने का आग्रह करता हूं। गलत कार्य करने का दोषी पाये जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’’ उप महानिरीक्षक (कारागार) डी रुपा ने पुलिस महानिदेशक (कारागार) एचएस सत्यनारायण राव को बुधवार को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि जेल नियमों की अवहेलना करते हुए शशिकला के लिए विशेष किचन बनाया गया है। रुपा की हस्ताक्षर वाली रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘इस तरह की अटकलें हैं कि आपके (राव के) संज्ञान में लाये जाने के बावजूद किचन काम कर रहा है। इस तरह की भी बातें चल रही हैं कि इसके लिए ₹ दो करोड़ का भुगतान रिश्वत के रूप में किया गया है।’’
उनकी रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण रूप से आपके विरूद्ध भी आरोप लगाये गये हैं, ऐसे में आग्रह किया जाता है कि आप मामले को देखें और चूक करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।’’ उन्होंने फर्जी स्टांप पेपर घोटाले के सरगना अब्दुल करीम तेलगी को भी तरजीही सुविधाएं उपलब्ध कराने का आरोप लगाया है। फरवरी में आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद से शशिकला अपने दो रिश्तेदारों वीएन सुधाकरण और इलावरसी के साथ परपना अग्रहारा जेल में चार साल की जेल की सजा काट रही हैं। हालांकि राव ने अपने खिलाफ लगाये गये रुपा के आरोपों को खारिज करते हुए इसे ‘पूरी तरह झूठा, आधारहीन और बेतुका’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि वह अपने कनिष्ठ के खिलाफ कानून संसाधन का इस्तेमाल करेंगे। इसके जवाब में रुपा ने कहा, ‘‘सत्य का पता लगाने के लिए निष्पक्ष तथ्यान्वेषी जांच होने दीजिए।''
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