क्यों सिद्धू मूसेवाला को गोलियों से भूना गया? खून का बदला खून से लेने के लिए रची गयी साजिश, पढ़ें पूरी कहानी
पंजाब के मनसा जिले में 29 मई को मशहूर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला पर अज्ञात बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की जिसमें उनकी मौत हो गयी। पंजाबी गानों की दुनिया में शुमार होने के बाद मूसेवाला ने राजनीति का रूख किया था। वह कांग्रेस पार्टी के लिए काम करते थे।
पंजाब के मनसा जिले में 29 मई को मशहूर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला पर अज्ञात बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की जिसमें उनकी मौत हो गयी। पंजाबी गानों की दुनिया में शुमार होने के बाद मूसेवाला ने राजनीति का रूख किया था। वह कांग्रेस पार्टी के लिए काम करते थे। इस घटना से एक दिन पहले पंजाब की मान सरकार ने उनकी सुरक्षा वापस ले ली थी। पुलिस उपाधीक्षक (मनसा) गोबिंदर सिंह बताया कि 28 वर्षीय मूसेवाला को कई गोलियां लगीं। हमले के समय वह जवाहरके गांव में अपनी जीप में थे। उन्होंने हाल में हुए विधानसभा चुनाव में मनसासीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार डॉक्टर विजय सिंगला से हार गए थे।
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पिता ने बेटे के शव को पोस्टमार्टम करवाने से किया इनकार, राज्य सरकार पर उठाए सवाल
सिद्धू मूसेवाला के परिवार के सदस्यों ने सोमवार को गायक से कांग्रेस नेता बने गायक के शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। जिला प्रशासन ने मूसा गांव स्थित उनके घर पर परिजनों के साथ बैठक की। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर रंधवारा भी उनके घर पर थे। परिवार के सदस्यों ने हत्या की एनआईए जांच और उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, जिन्होंने सुरक्षा कवर छीन लिए गए व्यक्तियों की सूची लीक की, क्योंकि सिद्धू मूसेवाला उनमें से एक थे। मूसेवाला के पिता ने भगवंत मान को पत्र लिखकर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराने की मांग की है। उनके परिवार के सदस्यों का मानना है कि सिद्धू मूसेवाला की सुरक्षा वापस वापस लिए जाने की जानकारी ने गायक से नेता बने गायक की दिनदहाड़े हत्या में एक प्रमुख भूमिका निभाई। मनसा के एसएसपी गौरव तोरा ने कहा कि मूस वाला ने अपनी बुलेटप्रूफ कार और बंदूकधारियों को नहीं लिया, जब वह कार चला रहे थे, जिस पर प्रतिद्वंद्वी गिरोह ने हमला किया था, जिसके परिणामस्वरूप प्रसिद्ध गायक की मौत हो गई थी।
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मूसेवाला हत्याकांड के तिहाड़ से जुड़े तार?
मानसा के जवाहर के गांव में जब हमलावरों ने लोकप्रिय गायक सिद्धू मूसेवाला को गोली मार दी तो उसकी मौके पर ही मौत हो गई, कनाडा के एक गैंगस्टर गोल्डी बरार ने हत्या की जिम्मेदारी ली। उसने आरोप लगाया कि उसने जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ मिलकर इस हत्या को अंजाम दिया था क्योंकि गायक का नाम अकाली नेता विक्की मिड्दुखेड़ा और उसके चचेरे भाई गुरलाल बरार की हत्या में आया था। मिद्दुखेर की पिछले साल मोहाली में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जबकि बराड़ की चंडीगढ़ में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सतिंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का करीबी है। वह राज्य में चलाए जा रहे रंगदारी रैकेट में शामिल था। आरोप है कि युवक कांग्रेस के नेता गुरलाल पहलवान की हत्या में उसका हाथ था। वह अभी कनाडा में रह रहा है और वहां से पंजाब में एक मॉड्यूल के जरिए काम कर रहा है। बराड़ राज्य के फरीदकोट जिले के मूल निवासी हैं। लॉरेंस बिश्नोई इस समय दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। वहीं से उसने हत्या की साजिश रची
मूसावाला की राजनीतिक हत्या
हमले पर गुस्सा और स्तब्धता जताते कांग्रेस के कई नेताओं ने संकेत दिया कि मूसेवाला की मौत हो गई है, हालांकि उनकी हालत के बारे में आधिकारिक रूप से कोई जानकारी नहीं दी गई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने ट्वीट किया, गोलीबारी में सिद्धू मूसेवाला की मौत के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं-व्हाट्सएप के माध्यम से प्राप्त वीडियो को संवेदनशीलता के कारण साझा नहीं कर रहा हूं, लेकिन उन्हें कई गोलियां मारी गई हैं। पंजाब पुलिस ने शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ सिद्धू मूसेवाला समेत 424 लोगों की सुरक्षा 28 मई को वापस ले ली थी। मूसेवाला विधानसभा चुनाव से पहले पिछले साल कांग्रेस में शामिल हुए थे।
लॉरेंस बिश्नोई गिरोह ने ली हत्या की जिम्मेदारी
पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वी के भवरा ने कहा कि मशहूर गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या गिरोहों के बीच आपसी दुश्मनी का परिणाम लग रही है और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह इसमें शामिल है। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि रविवार शाम को हुई इस हत्या की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा। पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी), बठिंडा रेंज, प्रदीप यादव ने हत्या की प्रभावी और तीव्र जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है। इस दल में एसपी (जांच) मानसा धर्मवीर सिंह, डीएसपी (जांच) बठिंडा, विश्वजीत सिंह और प्रभावी सीआईए मानसा प्रीतिपाल सिंह शामिल हैं। मीडिया को दिये गये बयान में राज्य पुलिस के प्रमुख ने कहा, ‘‘यह घटना गिरोहों के बीच आपसी दुश्मनी का नतीजा लगती है।’’
अकाली नेता नेता की हत्या का बदला है मूलावासा की हत्या?
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि मूसेवाला के प्रबंधक शगनप्रीत का नाम पिछले साल अकाली नेता विक्की मिद्दुखेड़ा की हत्या में सामने आया था। शगुनप्रीत ऑस्ट्रेलिया भाग गया था। शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह हत्या मिद्देखेड़ा की हत्या का बदला लग रही है। उन्होंने कहा कि इस घटना में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का हाथ है। कनाडा से गिरोह के एक सदस्य ने हत्या की जिम्मेदारी ली है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, कनाडा में रहने वाले गोल्डी बराड़ ने मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली है। लॉरेंस बिश्नोई गिरोह और लक्की पटियाला गिरोह के बीच दुश्मनी है। तीन बंदूकधारियों की पहचान हरियाणा निवासी सन्नी, अनिल लठ और भोलू के रूप में की गयी है और उन्हें मिद्दुखेड़ा की हत्या के संबंध में दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने पहले ही गिरफ्तार किया था जबकि शगनप्रीत का नाम इस मामले की प्राथमिकी में बतौर आरोपी नामजद है।
पंजाब पुलिस के चार कमांडो मूसावाला के साथ हमेशा रहते थे तैनात
डीजीपी भवरा ने कहा कि मूसेवाला के साथ पंजाब पुलिस के चार कमांडो तैनात थे। उन्होंने कहा कि हर साल ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी और अगले महीने ‘‘घल्लुघारा सप्ताह’’ के कारण सुरक्षा ‘‘कम की जाती’’ है। मूसेवाला के साथ तैनात पंजाब पुलिस के चार कमांडो में से दो को हटाया गया था। पुलिस महानिदेशक के मुताबिक मानसा जिले में वारदात के समय मूसेवाला अपने बचे हुए दो कमांडो को साथ नहीं ले गए थे। उन्होंने बताया कि मूसेवाला अपना निजी बुलेट प्रूफ वाहन भी नहीं ले गए थे।
30 से ज्यादा राउंड हुए फायर
भवरा ने कहा कि घटनास्थल से गोलियों के 30 खाली खोल बरामद किए गए हैं। उन्होंने अनुमान जताया कि वारदात में कम से कम तीन हथियारों का इस्तेमाल किया गया होगा। घटना की और जानकारियां देते हुए उन्होंने कहा कि मूसेवाला अपने पड़ोसी गुरविंद सिंह और रिश्तेदार गुरप्रीत सिंह के साथ शाम साढ़े चार बजे अपने घर से रवाना हुए। वह खुद गाड़ी चला रहे थे। भवरा ने कहा कि जब मूसेवाला जवाहर के गांव पहुंचे थे तो सामने से दो गाड़ियों ने उनकी गाड़ी को रोक लिया। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने सामने से सिद्धू मूसेवाला पर अंधाधुंध गोलियां चलायी।’’ पुलिस दल तुरंत घटनास्थल पर पहुंचा और तीनों को मानसा स्थित अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने बताया कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही गायक की मौत हो गयी। अन्य दो लोगों की हालत स्थिर है।
कौन थे सिद्धू मूसेवाला
सिद्धू मूसेवाला को यह नाम संगीत की दुनिया में आकर मिला था। मूसेवाला का असल नाम शुभदीप सिंह सिद्धू था। 11 जून 1993 में जन्मे मूसेवाला पंजाबी सिनेमा में बतौर एक्टर, सिंगर और रैपर काम करते थे। संगीत की दुनिया के साथ साथ वह राजनीति में भी काफी एक्टिव थे। मूसा का पहला गाना "लाइसेंस" था जिसे लोगों ने काफी पसंद किया था। अपने डेब्यू के बाद उन्होंने ब्राउन बॉयज़ के साथ विभिन्न ट्रैकों के लिए सहयोग किया। मूसेवाला ने अपने ट्रैक "सो हाई" के साथ काफी ज्यादा पॉपुलैरिटी कमाई। 2018 में उन्होंने अपना पहला एल्बम PBX 1 जारी किया, जो बिलबोर्ड कनाडाई एल्बम चार्ट पर 66 वें स्थान पर था।
मूस वाला अपनी विवादास्पद गीतात्मक शैली के लिए जाने जाते थे, जो अक्सर बंदूक संस्कृतियों को बढ़ावा देते थे, जबकि धार्मिक भावनाओं को भी चुनौती देते थे। जैसा कि सिख धर्म में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति माई भागो से संबंधित मामला था। उन्हें बंदूक संस्कृति को बढ़ावा देने और अपने गीतों में भड़काऊ गीतों का उपयोग करने के लिए कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। 2022 तक उनके खिलाफ चार आपराधिक मामले चल रहे थे। मूसेवाला भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे, और मनसा से 2022 पंजाब विधान सभा चुनाव में असफल रहे। 29 मई 2022 को अज्ञात हमलावरों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी।
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