कृषि कानूनों को लेकर सपा और कांग्रेस का वॉकआउट, योगी ने विपक्ष को लिया आड़े हाथ
विपक्षी सदस्यों द्वारा गन्ना मूल्य में चार वर्ष में एक रुपये की भी वृद्धि न होने के आरोप पर मुख्यमंत्री ने कहा अगर 2004 से लेकर 2017 के बीच में गन्ना मूल्य के पूरे भुगतान को जोड़ लिया जाय तो इन वर्षों में जितना भुगतान नहीं हुआ, उतना पिछले साढ़े तीन वर्षों में हुआ है।
इसे भी पढ़ें: रविवार को तमिलनाडु में भाजपा युवा मोर्चा के सम्मेलन को संबोधित करेंगे राजनाथ सिंह
विपक्षी सदस्यों द्वारा गन्ना मूल्य में चार वर्ष में एक रुपये की भी वृद्धि न होने के आरोप पर मुख्यमंत्री ने कहा अगर 2004 से लेकर 2017 के बीच में गन्ना मूल्य के पूरे भुगतान को जोड़ लिया जाय तो इन वर्षों में जितना भुगतान नहीं हुआ, उतना पिछले साढ़े तीन वर्षों में हुआ है। हमारी सरकारी ने गन्ना किसानों के खाते में सीधे पैसा भेजा है। योगी ने कहा अन्नदाता किसान को धोखा देकर दलाली करने वाले लोग आज जरूर इस बात को लेकर चिंतित हैं कि पैसा सीधे उनके (किसानों) खातों में क्यों जा रहा है। आज तो पर्ची भी किसानों के स्मार्ट फोन पर प्राप्त हो रही है। घोषित दलाली का जो जरिया था वह भी समाप्त हो गया है। नेता सदन ने कहा कि विपक्ष में सच स्वीकार करने की हिम्मत नहीं है, इसलिए सदन से भाग खड़ा हुआ। योगी ने यह भी कहा कि प्रतिपक्ष सदन में नोटिस देने से पहले उस विषय पर अध्ययन भी नहीं करता। राम गोविंद चौधरी ने बाद में विधान सभा के तिलक हाल में पत्रकारों से दलाल शब्द पर नाराजगी जताते हुए कहा‘‘ भाजपा के नेता संसदीय मर्यादा भूल गये हैं, ये घमंड में हैं और दलाल ये खुद हैं, ये अडानी और अंबानी के दलाल हैं। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री, अडानी और अंबानी के दलाल हैं। विपक्ष तो किसानों के समर्थन में है। उन्होंने कहा कि तीन माह हो गये और दौ सौ से अधिककिसान कड़ाके की ठंड में शहीद हो गये जिनमें दो किसान उत्तर प्रदेश के भी हैं। केंद्र सरकार का कोई मंत्री, राज्य का मुख्यमंत्री मंत्री या भाजपा का कोई बड़ा या छोटा नेता श्रद्धांजलि अर्पित करने भी नहीं गया। उन्होंने कहा कि यह देश का सबसे अहम मुद़्दा है लेकिन सरकार इसकी अनदेखी कर रही है।
इसे भी पढ़ें: मोदी सरकार जो भी करे उसका विरोध करना फैशन सा बन गया है: श्रीधरन
कांग्रेस के अख्तर मसूद और नरेश सैनी ने तिलक हाल में पत्रकारों से कहा कि जो सरकार किसानों की आय दोगुना करने का दम भरती है उसने गन्ना किसानों का एक रुपया भी नहीं बढ़ाया है। सदस्यों ने कहा कि हमारी मांग सदन की कार्यवाही रोकर चर्चा कराने की थी लेकिन यह सरकार असंवेदनशील है, इसलिए कांग्रेस ने सदन से वाकआउट किया। इसके पहले बजट सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही आरंभ होते ही विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन का मुद्दा उठाया जिस पर सदन में जमकर हंगामा हुआ उसके बाद अध्यक्ष ने आधे घंटे के लिये कार्यवाही स्थगित कर दी। इससे पूर्व, चौधरी ने यह भी मांग की कि किसान आंदोलन के दौरान मारे गये किसानों को शहीद का दर्जा दिया जाये। इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि पूर्ववर्ती सपा सरकार में किसानों के नेता महेंद्र सिंह टिकैत को जेल में डाला गया था और उनकी पिटाई की गयी थी। इसके बाद सदन में शोर शराबा बढ़ने लगा, इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिये स्थगित कर दी। सदन के स्थगन का समय कई बार बढ़ाया गया और 12 बजकर 20 मिनट पर कार्यवाही शुरू हो सकी।
अन्य न्यूज़