उप्र में सपा-कांग्रेस-रालोद महागठबंधन की घोषणा जल्द
समाजवादी पार्टी द्वारा कांग्रेस को 90 से 100 सीटों की पेशकश की जा रही है। अखिलेश नीत पार्टी अजित सिंह की रालोद को भी कनिष्ठ साझीदार के तौर पर साथ लेने का प्रयास कर रही है।
अखिलेश यादव की अगुवाई वाले खेमे को समाजवादी पार्टी के तौर पर चुनाव आयोग के मान्यता देने और इसे ‘साइकिल’ चुनाव चिन्ह दिए जाने के साथ उत्तर प्रदेश में धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं। चुनाव आयोग ने सोमवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नीत धड़े के पास विधायकों और पार्टी प्रतिनिधियों का ‘जबरदस्त बहुमत’ है। चुनाव आयोग ने अपने 42 पेज के आदेश में कहा, ''आंकड़ों पर नजर डालने पर स्पष्ट पता चल जाएगा कि अखिलेश यादव के पास विधायकों और संगठन के पदाधिकारियों का जबरदस्त बहुमत है। अखिलेश यादव की अगुवाई वाला समूह समाजवादी पार्टी है और यह इसका नाम और आरक्षित चिन्ह साइकिल उपयोग करने का पात्र है।’’
मुलायम सिंह यादव खेमे के रूख को खारिज करते हुए आयोग ने कहा कि पार्टी में स्पष्ट विभाजन है। चुनाव आयोग के इस आदेश के तुरंत बाद सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने उम्मीद जताई कि राज्य में चुनाव लड़ने के लिए एक महागठबंधन बनाया जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री अंतिम निर्णय करेंगे।
कांग्रेस प्रवक्ता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने चुनाव आयोग के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि इससे पता चलता है अखिलेश के पास इस संगठन में और साथ ही समाजवादी पार्टी के विधायकों के बीच ‘‘90 प्रतिशत समर्थन’’ है। एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि इस घटना से गठबंधन बनाने की प्रक्रिया में तेजी आएगी। इस तरह के गठबंधन के लिए पहले से ही काफी प्रयास चल रहे हैं जिसमें अखिलेश यादव की अगुवाई वाली सपा द्वारा कांग्रेस को 90 से 100 सीटों की पेशकश की जा रही है। अखिलेश नीत पार्टी अजित सिंह की रालोद को भी कनिष्ठ साझीदार के तौर पर साथ लेने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस के गलियारे में यह चर्चा है कि पार्टी महासचिव गुलाम नबी आजाद और सपा से रामगोपाल यादव कुछ सीटों को लेकर विवाद दूर कर रहे हैं।
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