Pakistan को कड़ा संदेश! SCO के सभी सदस्यों से राजनाथ बोले- एकजुट होकर आतंकवाद से लड़ना होगा

Rajnath Singh SCO
ANI
अंकित सिंह । Apr 28 2023 6:17PM

राजनाथ सिंह ने किसी देश का नाम तो नहीं लिया लेकिन उन्होंने ये बात स्पष्ट तरीके से कही कि यदि कोई देश आतंकवादियों को शरण देता है, तो वह दूसरों के लिए ही नहीं, अपितु अपने लिए भी खतरा पैदा करता है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को एससीओ के साथी मंत्रियों के साथ एक बैठक की। बैठक में रक्षा मंत्री ने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सभी सदस्यों को एकजुट होकर आतंकवाद से लड़ना चाहिए। सिंह ने कहा कि सभी एससीओ देशों के पास सामूहिक रूप से आतंकवाद से लड़ने का अवसर है, और यह आवश्यक था, विशेष रूप से अब क्योंकि आतंकवादी क्राउड फंडिंग और सोशल मीडिया जैसे विभिन्न साधनों का उपयोग कर रहे हैं। सिंह ने कहा कि अगर हम एससीओ को मजबूत और अधिक विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय समूह बनाना चाहते हैं, तो हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता आतंकवाद से प्रभावी ढंग से निपटना होनी चाहिए।

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इस दौरान राजनाथ सिंह ने किसी देश का नाम तो नहीं लिया लेकिन उन्होंने ये बात स्पष्ट तरीके से कही कि यदि कोई देश आतंकवादियों को शरण देता है, तो वह दूसरों के लिए ही नहीं, अपितु अपने लिए भी खतरा पैदा करता है। युवाओं को कट्टर बनाना केवल सुरक्षा की दृष्टि से ही चिंता का कारण नहीं है, बल्कि यह समाज की सामाजिक आर्थिक प्रगति के मार्ग में भी बड़ी बाधा है। माना जा रहा कि राजनाथ ने बिना नाम लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा है। हालांकि, पाकिस्तान को छोड़कर एससीओ के सभी सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों ने दिल्ली में आकर इस सम्मेलन में हिस्सा लिया। दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान के प्रतिनिधि डिजिटल तरीके से वार्ता में शामिल हुए। 

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चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू की मौजूदगी में राजनाथ ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्रचार्टर के प्रावधानों के आधार पर शांति और सुरक्षा बनाए रखने में विश्वास रखता है और इसलिए वह एससीओ सदस्यों के बीच विश्वास और सहयोग बढ़ाने का प्रयास करता है। सिंह ने सामूहिक समृद्धि सुनिश्चित करने के अपने दृष्टिकोण के बारे में बताते हुए एससीओ सदस्य देशों से ठोस प्रयास करने का आग्रह किया ताकि आज की बहुपक्षीय दुनिया में असीमित संभावनाओं वाले इस क्षेत्र की मानसिकता ‘किसी एक के नुकसान से दूसरे का लाभ होने’ से ‘किसी एक के लाभ से बाकी सब को भी लाभ होने’ में बदल सके। उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने ‘मिलकर साथ चलने और मिलकर आगे बढ़ने’ के सिद्धांत का पालन किया है। हर युग की एक विशेष सोच होती है और मौजूदा दौर की सोच यह है कि ‘बड़ी लाभ के लिए मिलकर काम करने’ की जरूरत है।’’ 

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