पराली जलाने की समस्या का अमरिंदर ने निकाला निदान, नौकरियां भी मिलेंगी
पंजाब सरकार ने चेन्नई की एक कंपनी से एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। इस समझौते के तहत फसल के अवशेष को जैव ऊर्जा में बदलने के लिए 400 प्रोसेसिंग संयंत्र राज्य में लगाए जाएंगे।
चंडीगढ़। पराली जलाने से हो रहे प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए पंजाब सरकार ने चेन्नई की एक कंपनी से एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। इस समझौते के तहत फसल के अवशेष को जैव ऊर्जा में बदलने के लिए 400 प्रोसेसिंग संयंत्र राज्य में लगाए जाएंगे। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इन संयंत्रों का संचालन फसल कटने के अगले मौसम तक शुरू हो जाएगा और पराली जलाने से पर्यावरण को हो रहे नुकसान पर इससे लगाम लग सकेगा।
उन्होंने बताया कि 10,000 करोड़ वाले इस समझौते के तहत न्यूवे इंजीनियर्स एमएसडब्ल्यू प्राइवेट लिमिटेड अगले 10 महीनों में राज्य में 400 क्लस्टर यूनिट स्थापित करेगी। प्रत्येक संयंत्र एक साल में धान के 50,000 टन पराली को जैव ऊर्जा में बदलने में सक्षम होगी। राज्य में फसल कटाई के एक मौसम में करीब दो करोड़ टन पराली उत्पन्न होता है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना से सीधे तौर पर 30,000 युवाओं को रोजगार मिलेगा। प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को निर्देश दिया है कि इस परियोजना को समय से पूरा कर लिया जाए।
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